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रविवार, 7 दिसंबर 2025

डॉ. जितेंद्र सिंह ने पंचकूला विज्ञान महोत्सव में दिखाई नई वैज्ञानिक दिशा

पंचकूला, हरियाणा। भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के भव्य मंच पर आज देश के विज्ञान–दर्शन का नया अध्याय उजागर हुआ, जब केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने घोषणा की कि भारत अब वैश्विक तकनीकी रुझानों का पीछा नहीं, बल्कि उन्हें नेतृत्व प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र एक पारंपरिक अर्थव्यवस्था से उभरकर नवाचार-चालित महाशक्ति बनने की दिशा में निर्णायक कदम रख चुका है।
विशेष फायरसाइड चैट में उन्होंने बताया कि पिछले दशक ने भारत की वैज्ञानिक सोच, कार्य संस्कृति और प्रशासनिक दृष्टिकोण को पूरी तरह बदल दिया है। आज भारत की आर्थिक प्रगति विज्ञान, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी पर आधारित है, और दुनिया भारत को सार्वजनिक सेवा, तकनीकी शासन और नवाचार के नए प्रतिमानों के स्रोत के रूप में देख रही है।
उन्होंने नए राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास कोष को उच्च-जोखिम, उच्च-प्रभाव वाले गहन तकनीकी अनुसंधान का नया युग बताते हुए कहा कि यह अंतरिक्ष और परमाणु जैसे क्षेत्रों में निजी नवाचार के लिए अभूतपूर्व अवसर खोल देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अंतरिक्ष क्षेत्र में आए परिवर्तन का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि कुछ कंपनियों से बढ़कर आज लगभग 400 अंतरिक्ष स्टार्टअप भारत के अंतरिक्ष कौशल का नया चेहरा बन चुके हैं—जो अब वैश्विक पहचान प्राप्त कर रहे हैं।
परमाणु विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, कृषि, जल-शोधन और आपदा प्रबंधन में भारत की तकनीकी उपलब्धियों को उन्होंने वैश्विक मॉडल बताया। उन्होंने कहा कि आज भारतीय युवाओं की प्रतिभा का सम्मान दुनिया भर में बढ़ा है, और छोटे शहरों से निकलते UPSC टॉपर्स इस बदलते भारत के आत्मविश्वास को दर्शाते हैं।
भविष्य पर दृष्टि डालते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि आने वाले 20 वर्षों में एक भारतीय चंद्रमा पर कदम रखेगा, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता भारत के दैनिक जीवन को तीव्र गति से परिवर्तित करेगी। उन्होंने युवा नवप्रवर्तकों से जोखिम उठाने, उद्योग से साझेदारी करने और सरकारी समर्थन का भरपूर उपयोग करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा “भारत का अगला दशक उनका होगा, जो विज्ञान को राष्ट्रीय उद्देश्य से जोड़कर नई उड़ान भरेंगे।”

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