Lmp. चार साल की मासूम से हैवानियत, 10 साल बाद दरिंदे को मिली उम्रकैद!
लखीमपुर खीरी। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट लखीमपुर गुलाम मुस्तफा के न्यायालय ने आज एक ऐसे मामले में ऐतिहासिक निर्णय सुनाया, जिसने न सिर्फ जिले बल्कि पूरे प्रदेश को झकझोर दिया था। मुकदमा अपराध संख्या 174/2015 धारा 363, 376(2), 201, 302 IPC तथा 5m/6 POCSO Act सरकार बनाम आशीष बजरंगी में अदालत ने अभियुक्त आशीष बजरंगी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और ₹35,000 के अर्थदंड की कठोर सजा सुनाई है।
दिनांक 25 अप्रैल 2015। थाना मैगलगंज क्षेत्र की एक चार वर्षीय मासूम, अपनी बहन और चचेरे भाई के साथ घर के पास खेल रही थी। तभी गाँव का ही आशीष बजरंगी वहां पहुँचा। “कुछ दिलाने” का लालच देकर वह मासूम को अपने साथ ले गया और उसके साथ दरिंदगी की हदें पार कर दीं। दोष उजागर होने के भय से उसने उस नन्ही बच्ची का गला दबाकर निर्ममता से हत्या कर दी। अगले ही दिन कस्बा मैगलगंज में ही घर से कुछ दूरी पर उस मासूम का शव बरामद हुआ। यह दृश्य देखकर पूरा क्षेत्र शोक, आक्रोश और सन्नाटे में डूब गया था। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर घटना की विवेचना तत्कालीन थानाध्यक्ष मैगलगंज राम अवतार यादव द्वारा की गई। मामले में गहन जांच के बाद पुलिस ने न्यायालय में आरोपपत्र प्रस्तुत किया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक बृजेश कुमार पांडे ने प्रभावी पैरवी करते हुए न्यायालय में 8 महत्वपूर्ण गवाहों का परीक्षण कराया और कई दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिन्होंने सत्य को उजागर कर दिया। विशेष न्यायाधीश ने सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अभियुक्त को दोषी करार देते हुए कहा कि ऐसे अपराध समाज की आत्मा को झकझोरते हैं और इसके लिए कठोरतम दंड आवश्यक है। इस निर्णय से मासूम बच्ची की आत्मा को न्याय मिला और समाज में संदेश गया कि बाल अपराधों के विरुद्ध कानून की पकड़ बेहद मजबूत और अडिग है। यह फैसला न केवल न्याय का प्रतीक है बल्कि उन सभी के लिए चेतावनी भी, जो मासूमियत को रौंदने का दुस्साहस करते हैं।
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