🔘 संपूर्ण समाधान दिवस: जनकल्याण की मुस्कान, खुशियों से झूमे चेहरे”
लखीमपुर-खीरी, 18 अक्टूबर। जनसेवा और प्रशासनिक संवेदनशीलता का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया गया संपूर्ण समाधान दिवस में, जहाँ तहसील सदर के लोक सभागार में डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल, एसपी संकल्प शर्मा, सीडीओ अभिषेक कुमार और एडीएम नरेंद्र बहादुर सिंह ने फरियादियों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र एवं सौगातें प्रदान की।
जनसुनवाई के दौरान अधिकारियों ने प्रत्येक शिकायत का निष्पक्ष और समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि शासन की प्राथमिकता जनसमस्याओं का संवेदनशील और त्वरित समाधान करना है। उन्होंने अफसरों को स्पष्ट किया कि गरीब और जरूरतमंद नागरिकों को योजनाओं का लाभ दिलाना सर्वोपरि है, साथ ही शिकायतकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए संतोषजनक समाधान सुनिश्चित किया जाए।
इस अवसर पर कुल 44 शिकायती प्रार्थना पत्र पंजीकृत हुए, जिनमें राजस्व विभाग की 19, पुलिस विभाग की 11, विकास विभाग की 2, नगर निकाय की 4, आपूर्ति की 3, विद्युत की 2 और कृषि विभाग की 3 शिकायतें शामिल थीं। इनमें से 3 का मौके पर ही समाधान किया गया। सभी प्रार्थना पत्रों को संबंधित विभागों को शीघ्र निस्तारण हेतु सौंपा गया। कार्यक्रम में सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता, एसडीएम अश्विनी कुमार सिंह, पीडी एसएन चौरसिया सहित अन्य जनपदीय अधिकारी उपस्थित रहे।
मुस्कानें बिखरीं, महिलाओं को मिली घरौनी की सौगात
संपूर्ण समाधान दिवस पर शासन की महत्वाकांक्षी स्वामित्व योजना के तहत सात महिलाओं को घरौनी (स्वामित्व प्रमाणपत्र) वितरित किए गए। घरौनी पाकर उनके चेहरे पर आत्मविश्वास और खुशी झलक उठी। इसी क्रम में कृषक दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत चार महिलाओं को सहायता धनराशि का चेक भी प्रदान किया गया।
डीएम की संवेदनशील पहल: गरीब छोटे राठौर को मिली नई उम्मीद
तहसील मितौली के मोहल्ला कटरा कुआं निवासी छोटे राठौर की दीन-हीन स्थिति की जानकारी मिलते ही डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने तत्काल संज्ञान लिया। प्रशासन की पहल से परिवार को राहत एवं विभिन्न योजनाओं में समावेश किया गया। शनिवार को डीएम ने स्वयं छोटे राठौर को अंत्योदय कार्ड प्रदान कर उन्हें जीवन की नई राह दी।
संपूर्ण समाधान दिवस ने यह साबित कर दिया कि जब प्रशासन संवेदनशीलता और तत्परता के साथ जनता के द्वार पर पहुँचता है, तो चेहरे मुस्कान और आत्मविश्वास से जगमगाते हैं। यह दिवस केवल समस्याओं के निस्तारण का नहीं, बल्कि जनहित और सहारा देने की प्रेरक कहानी का प्रतीक बन गया।
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