लखीमपुर/धनगढ़ी। उथल-पुथल और तनाव से गुजरते नेपाल के माहौल में इंसानियत की एक उजली किरण जगमगा उठी। लायन्स क्लब इंटरनेशनल की "वी सर्व" सोच के अंतर्गत इंडो-नेपाल मैत्री ट्यूनिंग कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि जब सीमाएं कांप उठती हैं, तब भी दिलों की धड़कनें साथ निभाती हैं।
धनगढ़ी (नेपाल) स्थित लायन्स क्लब ऑफ धनगढ़ी ग्रीन सिटी ने भंसार पर फंसे भारतीय चालकों के लिए वह किया, जिसे देखकर हर संवेदनशील हृदय गर्व से भर उठे। यह सूचना पाते ही सक्रिय हुए लायंस क्लब उपकार लखीमपुर खीरी अध्यक्ष शैलेन्द्र प्रताप सिंह एवं ट्यूनिंग कॉर्डिनेटर आर्येंद्र पाल सिंह ने नेपाल लायंस ट्यूनिंग मित्रों से संपर्क साधा तो क्लब के अध्यक्ष और ट्यूनिंग कोऑर्डिनेटर लायन देवराज ओझा, सचिव मनोज खड़का, पूर्व अध्यक्ष लायन आनंद शाह और उनकी टीम ने तन-मन-धन से सेवा की।
भूखे-प्यासे चालकों को न केवल राशन और राहत सामग्री दी गई, बल्कि रात्रि विश्राम और सुरक्षा की व्यवस्था भी की गई। यह दृश्य किसी राहत शिविर का नहीं, बल्कि सीमाओं के आर-पार इंसानियत के रिश्ते की पुनर्पुष्टि का था। लायन अमर सिंह, सचिव लायन्स क्लब लखीमपुर उपकार, ने जानकारी देते हुए कहा कि यह कार्यक्रम वास्तव में सच्ची ट्यूनिंग का स्वरूप है, जहां भाषा, सीमा और परिस्थिति के अवरोध मानवता की सेवा के आगे बौने साबित हो जाते हैं। गौरतलब है कि यह पहल कोई अचानक उपजी भावना नहीं, बल्कि वर्षों की साधना का परिणाम है। आठ वर्ष पूर्व लायन आयेन्द्र पाल सिंह, डिस्ट्रिक्ट चेयरपर्सन क्लब इंटरनेशनल ट्यूनिंग, ने भारत की ओर से इस मुहिम का बीजारोपण किया था। तब से यह कार्यक्रम सीमाओं से परे भाईचारे, करुणा और सहयोग का जीवंत संदेश बनकर दुनिया को प्रेरित कर रहा है। विगत दिनों नेपाल में हुए बवाल और संकट की घड़ी में जब भारतीय वाहन चालक असहाय थे, तब ट्यूनिंग कार्यक्रम के विचार धरातल पर उतरे। सुरक्षा, आश्रय और राहत का हाथ बढ़ाकर नेपाल की धरती से यह संदेश दिया गया, मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है, और सेवा ही उसका सच्चा स्वरूप। आज यह कार्य न केवल एक राहत अभियान है, बल्कि उस आत्मा की झलक है जो सीमाओं के परे जाकर कहती है, जहां इंसानियत जिंदा है, वहां उम्मीद कभी खत्म नहीं होती।
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