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मंगलवार, 9 सितंबर 2025

पंजाब में आईटीआई प्रवेश अस्वीकृति के संबंध सी-डैक मोहाली ने ब्लैकलिस्टिंग के आरोपों का किया कड़ा खंडन

पंजाब में आईटीआई प्रवेश अस्वीकृति के संबंध में सी-डेक के खिलाफ झूठे दावे: वी.के. शर्मा, निदेशक, सी-डेक मोहाली

सी-डैक को नहीं किया ब्लैकलिस्ट डाले जाने की मीडिया रिपोर्टें निराधार और भ्रामक: कुलदीप द्विवेदी

चंडीगढ़, 9 सितंबर: भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एक वैज्ञानिक संस्था, प्रगत संगणन विकास केंद्र (सी-डैक) ने कुछ समाचार पत्रों में "पंजाब ने आईटीआई प्रवेश में गड़बड़ियों के कारण सी-डैक को ब्लैकलिस्ट किया" शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्टों का कड़ा खंडन किया है। ये रिपोर्ट्स झूठी, भ्रामक और तथ्यों पर आधारित नहीं हैं।

सी-डैक मोहाली के निदेशक वी.के. शर्मा ने बताया कि सी-डैक को 21 जून 2025 को पंजाब आईटीआई (सत्र 2025-26) की प्रवेश और परामर्श प्रक्रिया के लिए आईटी और कम्प्यूटेशनल सेवाएँ प्रदान करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी। प्रवेश पोर्टल, कार्य सौंपे जाने के 15 दिनों के भीतर, तकनीकी शिक्षा एवं औद्योगिक प्रशिक्षण निदेशालय (डीटीई एवं आईटी), पंजाब से सभी आवश्यक इनपुट और मास्टर डेटा प्राप्त करने और उनकी पुष्टि के बाद ही, 4 जुलाई 2025 को लॉन्च किया गया था। यह प्रणाली डीटीई एवं आईटी पंजाब की आवश्यकताओं और निर्देशों के अनुसार पूरी तरह से विकसित की गई थी।

श्री वी.के. शर्मा ने कहा कि पोर्टल में "तकनीकी गड़बड़ियों" का आरोप पूरी तरह से निराधार है। 30 अगस्त 2025 तक, कुल 59,507 छात्रों ने ऑनलाइन पोर्टल पर सफलतापूर्वक पंजीकरण कराया। इनमें से, 55,866 आवेदनों का सत्यापन और स्वीकृति डीटीई एवं आईटी पंजाब के नोडल अधिकारियों द्वारा की गई, 1,580 आवेदनों को उचित सत्यापन के बाद रिजेक्ट कर दिया गया, और शेष आवेदनों को सुधार या पुनः सत्यापन के लिए आवेदकों को वापस कर दिया गया। ये आँकड़े स्पष्ट रूप से साबित करते हैं कि पोर्टल कुशलतापूर्वक काम कर रहा था और तकनीकी खराबी के दावे निराधार हैं।

उन्होंने कहा कि प्रवेश प्रक्रिया में देरी का आरोप भी पूरी तरह से भ्रामक है, क्योंकि सी-डैक को यह कार्य 21 जून 2025 को ही प्राप्त हुआ था और उसने 4 जुलाई 2025 को पोर्टल लॉन्च किया था, इसलिए उसकी ओर से कोई देरी नहीं हुई। 30 अगस्त 2025 तक, सरकारी आईटीआई में स्वीकृत कुल सीटों में से 65% सीटें ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से भर दी गई थीं। आवेदकों की और सहायता के लिए, सी-डैक ने प्रवेश की सुचारू सुविधा सुनिश्चित करने के लिए एसएमएस और ईमेल सूचनाएँ भी भेजीं।

सी-डैक, मोहाली के प्रशासन प्रमुख, कुलदीप द्विवेदी ने बताया कि  इस बात पर ध्यान देना आवश्यक है कि डीटीई और आईटी पंजाब ने किसी भी स्तर पर सी-डैक को ब्लैकलिस्ट में डालने की कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की है। कुछ मीडिया रिपोर्टें गलत व्याख्या पर आधारित प्रतीत होती हैं और उनमें गलत जानकारी दी गई है जिससे सी-डैक की छवि को अनुचित रूप से नुकसान पहुँचा है।

उन्होंने कहा कि डीटीई और आईटी पंजाब के सभी निर्देशों का पालन करते हुए, सी-डैक ने सदैव पारदर्शिता, निष्पक्षता और योग्यता-आधारित व्यवस्था पर आधारित प्रवेश प्रक्रिया सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है। संस्था मीडिया से आग्रह करती है कि वे प्रकाशन से पहले सक्षम अधिकारियों से विवरणों की पुष्टि करें और भविष्य में जिम्मेदार व तथ्य-सत्यापित रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें।

यह स्पष्टीकरण सी-डैक के कानूनी अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किया गया है। एक ज़िम्मेदार राष्ट्रीय संस्था होने के नाते, सी-डैक संबंधित मीडिया संस्थानों से माफ़ी मांगने और भ्रामक रिपोर्टों को सही करने के लिए तत्काल एक शुद्धिपत्र प्रकाशित करने की अपेक्षा करता है।

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