अपनी 7 प्रमुख मांगों को लेकर ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने निकाला जुलूस, मुख्यमंत्री के नाम का पत्र डीएम को सौंपा
गाजीपुर ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिला इकाई के तत्वावधान में विरोध जुलूस निकाला गया और पत्रकारों के हित से संबंधित मुख्यमंत्री को संबोधित 7 सूत्रीय मांगपत्र जिलाधिकारी को सौंपा गया। मंगलवार को जिलाध्यक्ष कमलेश पांडेय के नेतृत्व में जिले के सभी तहसीलों से पत्रकार जुटे और जुलूस निकालकर डीएम कार्यालय पहुंचे। वहां डीएम से मिलकर उन्हें पत्रक सौंपा। कहा कि पत्रकार प्रदेश के सुदूर अंचलों में आम जनमानस की समस्याओं को उठाने और शासन-प्रशासन तक पहुंचाने के साथ ही शासन की विकासोन्मुख प्राथमिकताओं को खबरों के माध्यम से ग्रामीणों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। कहा कि वो कठिन परिस्थितियों में भी ग्रामीण पत्रकारिता को लोकतंत्र की सशक्त धारा में बनाए रखने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। कहा कि ऐसे ग्रामीण पत्रकारों की समस्याओं और उनके कल्याण से जुड़ी मांगों पर शासन स्तर से गंभीरता से विचार कर आवश्यक निर्णय लिया जाना नितांत आवश्यक है। मांग किया कि ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के लिए अन्य संगठनों की भांति राज्य मुख्यालय लखनऊ के दारूल सफा या ओसीआर में शासन द्वारा कार्यालय के लिए भवन का आवंटन किया जाए। ताकि सुदूर जनपदों से आने वाले पत्रकारों को रुकने तथा प्रदेश स्तरीय बैठकें करने की समस्या का निदान हो सके। कहा कि मान्यता प्राप्त पत्रकारों की तरह ही ग्रामीण पत्रकारों को भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिया जाए, ताकि वह और उनका परिवार मुफ्त कैशलेश इलाज करा सके। कहा कि ग्रामीण पत्रकारों को शासन स्तर से बीमा योजना में शामिल किया जाए तथा काफी समय से आंचलिक पत्रकारिता कर रहे 60 वर्षीय बुजुर्ग ग्रामीण पत्रकारों को पेंशन योजना का लाभ दिया जाए। कहा कि ग्रामीण पत्रकारों के विरुद्ध कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने से पूर्व जिला पुलिस के किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा अनिवार्य रूप से जांच की जाए, ताकि पत्रकारों का अनावश्यक उत्पीड़न रोका जा सके। कहा कि राज्य एवं जिला स्तर पर स्थायी समिति की भांति तहसील स्तर पर भी प्रशासनिक अफसरों के साथ ग्रामीण पत्रकारों की नियमित बैठकें कराई जाएं। कहा कि शासन के निर्देशानुसार ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के सभी संबंधित तहसील अध्यक्षों को इसमें अनिवार्य रूप से शामिल किया जाय। मांग किया कि प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना में मृत ग्रामीण पत्रकार के परिजनों को किसान बीमा योजना की तरह तत्काल पाँच लाख रुपये की सहायता प्रदान किया जाए। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री राहत कोष से 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाए, ताकि शोकग्रस्त परिवार को संकट की घड़ी में सहारा मिल सके। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध वसूली करने वाले फर्जी पत्रकारों की पहचान कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग की। कहा कि इन सभी के लिये जिला स्तर पर स्थायी समिति की बैठक बुलाकर असली और फर्जी पत्रकारों की पहचान की जाए तथा चिह्नित व्यक्तियों को नोटिस देकर प्रभावी कार्रवाई की जाए। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष बिन्देश्वरी सिंह, जिला उपाध्यक्ष द्वय धर्मेंद्र मिश्र व रामअवतार यादव, जिला प्रवक्ता विजय श्रीवास्तव, जिला महामंत्री रविन्द्र श्रीवास्तव, सैदपुर तहसील अध्यक्ष प्रहलाद दास जायसवाल सहित अन्य तहसीलों के अध्यक्षों में सुधाकर पांडेय, जितेंद्र वर्मा, मृत्युंजय सिंह, संतोष शर्मा, रामविलास पांडेय, मुकेश उपाध्याय, राहुल सिंह, आनंद कुमार, अशोक गुप्ता, शुभम मोदनवाल, अविनाश तिवारी, सोमदत्त, चंदन पांडेय, अरुण तिवारी, विकास सिंह, रेयाज अहमद, नरेंद्र राय, राजकपूर रावत, प्रवीण श्रीवास्तव, नंदलाल गिरी, धर्मेंद्र सिंह, विनीत दुबे, राजनारायण राय, धर्मेंद्र कुमार, राजेश कुशवाहा, कृपाशंकर पांडेय, रमेश यादव, अभिषेक आनंद आदि रहे।
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