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शुक्रवार, 12 सितंबर 2025

अपने खिलाफ जरा सा धरना बर्दाश्त नहीं कर पाए एसओ, बर्बर लाठीचार्ज में भाजपा कार्यकर्ता की मौत पर एसओ समेत 11 पर गिरी गाज

अपने खिलाफ जरा सा धरना बर्दाश्त नहीं कर पाए एसओ, बर्बर लाठीचार्ज में भाजपा कार्यकर्ता की मौत पर एसओ समेत 11 पर गिरी गाज, मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

नोनहरा स्थानीय थाने के सामने देरशाम भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा थाना प्रभारी वेंकटेश तिवारी पर गंभीर आरोप लगाकर शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करना पुलिस को इस कदर नागवार गुजरा कि पुलिस ने देररात में पूरे थाने की लाइट बुझाकर धरना देने के लिए वहां बैठे भाजपा कार्यकर्ताओं पर बुरी तरह से लाठी चार्ज कर दिया। जिसमें गंभीर रूप से घायल चक रूकुंदीपुर निवासी 35 वर्ष के युवा सियाराम मिश्र जोखू पुत्र गिरजा उपाध्याय की देररात में मौत हो गई। पुलिस के बर्बरता के शिकार हुए सीताराम की मौत के बाद पूरे जिले में आक्रोश पनप गया। वहीं महकमे में हड़कंप मच गया। इस मामले में वाराणसी परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक वैभव कृष्ण जिला मुख्यालय पहुंचे और पूरे मामले का जायजा लिया। वहीं एसपी ने इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच के लिए डीएम को पत्र भेजने के साथ ही नोनहरा थाने के एसओ सहित 6 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए नए थानाध्यक्ष को प्रभार दिया है। वहीं 5 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर भी कर दिया है। जिसके बाद हड़कंप मच गया है। एसपी ने बर्बर लाठीचार्ज के मुख्य सूत्रधार कहे जा रहे थाना प्रभारी वेंकटेश तिवारी सहित एसआई अवधेश राय, हेड कांस्टेबल नागेंद्र सिंह यादव, कां. धीरज सिंह, अभिषेक पांडेय व राकेश कुमार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। वहीं एसआई कमलेश गुप्ता, जुल्फिकार अली, कां. मुलायम सिंह, राघवेंद्र मिश्र व राजेश कुमार को लाइन हाजिर किया गया है। बता दें कि भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय पड़ोस के ही गांव गठिया में बिजली के खंभे के विवाद को लेकर अन्य कार्यकर्ताओं संग धरना देने नोनहरा थाने पर गए थे। इस धरने में करीब 40 से 50 लोग शामिल थे। धरने की जानकारी पर कासिमाबाद सीओ भी मौके पर पहुंचे थे, लेकिन धरना-प्रदर्शन करने वालों से बिना कोई बात किए चले गए। देर रात करीब डेढ़ बजे थाने के पुलिसकर्मियों ने पूरे थाने की पहले लाइट बंद कर चौतरफा अंधेरा कर दिया और धरना दे रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया। लेकिन दिव्यांग होने के चलते सियाराम वहां से भाग नहीं पाए और जब पुलिसकर्मी अंधाधुंध लाठी चला रहे थे तो भाग न पाने की वजह से सियाराम को ही सबसे अधिक चोटें लगीं। जिससे वो बेहद गंभीर रूप से घायल हो गए और आखिरकार रात में ही उनकी मौत हो गई। इस खबर के बाद हड़कंप मच गया। मौके पर धरना दे रहे उनके साथियों ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने सीताराम को घेरकर लाठियों से जमकर पीटा था। वह किसी तरह अपने घर पहुंचे थे तो घर वालों ने पुलिस के डर से कहीं बाहर न जाकर गांव में ही उनका इलाज कराया, लेकिन गुरुवार की भोर करीब 3 बजे उनकी मौत हो गई। मौत के बाद जहां पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया, वहीं भाजपाईयों में भी अपनी ही सरकार व प्रशासन के खिलाफ उबाल आ गया। बता दें कि सियाराम उपाध्याय लंबे समय से भाजपा से जुड़े थे और आरएसएस में भी सक्रिय थे। उनकी मौत के बाद उनके गांव में तनाव की स्थिति है। भाजपा के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश राय जब गांव में पहुंचे तो ग्रामीणों ने जिलाध्यक्ष मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए वापस जाओ के नारे लगाने लगे। इधर मामले की संवेदनशीलता समझते हुए कई थानों की फोर्स गांव की सीमा पर पहुंच गई थी। जब मृतक के शव को पुलिस लेने आई तो आक्रोशित ग्रामीणों की भीड़ ने पुलिस को गांव में घुसने तक नहीं दिया। बाद में डीएम व एसपी मौके पर पहुंचे और डीएम ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए। इधर भाजपा जिलाध्यक्ष ने धरने को भाजपा का धरना मानने से इंकार कर कहा कि थाने में हो रहे धरने में पक्ष व विपक्ष दोनों ही भाजपा समर्थक थे। ऐसे में हमने गांव के विकास राय से कहा था कि बिजली पोल की समस्या है तो दोनों पक्षों को आमने सामने बिठाकर सुलह करा लें। आवश्यकता पड़ने पर अधिकारियों से भी कह दिया जाएगा। कहा कि मृतक सियाराम भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे। पार्टी उनके साथ खड़ी है और परिवार की जो भी मांगें होंगी, उन्हें पूरा किया जाएगा। साथ ही घटना से जितने भी पुलिसकर्मी संबंधित होंगे, सबसे पहले उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित कराया जाएगा, ताकि वो जांच को प्रभावित न कर सकें। इसके बाद पूरे घटना की जांच कराकर जितने भी इसमें दोषी होंगे, उन सभी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी।

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