🔘 जीवनदान के रक्षक को मिला सम्मान
लखीमपुर। लखीमपुर के उस कोने में, जहां हर धड़कन उम्मीद की डोर थामे रहती है, वहां एक सधे हुए हाथ, संवेदनशील मन और अटूट सेवाभाव से जीवन को थामे रखने वाले चिकित्सक डॉ. आलोक सिंह आज सम्मानित हुए।
वेलकम लखीमपुर के पांच वर्षों की सफलता के अवसर पर, पीपीपी मॉडल पर संचालित डीसीडीसी डायलिसिस सेंटर में आयोजित इस सम्मान समारोह ने, केवल एक चिकित्सक का नहीं, बल्कि अनगिनत ज़िंदगियों की सांसों को बचाने वाले उस जज़्बे का अभिनंदन किया, जो निरंतर प्राणवायु फूंकता रहता है। मुख्य अतिथि, आरएसएस इतिहास संकलन समिति के विभाग संयोजक राजेश दीक्षित ने डॉ. आलोक सिंह के समर्पण को नमन करते हुए कहा डायलिसिस केवल मशीन का काम नहीं, यह रोगी के मन में जीने की लौ जलाए रखने की साधना है। गुर्दा फेल्योर जैसे गंभीर रोग से जूझते मरीजों के लिए, डायलिसिस केवल चिकित्सा नहीं बल्कि नई सुबह का वादा है। इस वादे को निभाने के लिए, डॉ. सिंह दिन-रात अपने कर्तव्य पथ पर अग्रसर हैं। मुख्य अतिथि ने चिकित्सक को स्त्रोत्ररत्नावली की प्रति भी भेंट की।
सम्मान समारोह में सेंटर मैनेजर ओम शर्मा, दैनिक जनजागरण न्यूज से अनिल श्रीवास्तव, वेलकम लखीमपुर के सर्वेश शुक्ला, सीनियर टेक्नीशियन पीयूष त्रिपाठी, तौफीक अहमद, हर्ष सिंह, नंदिनी, ट्रेनी दीपू वर्मा, निधि वर्मा सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे। कुलमिलाकर यह केवल एक सम्मान नहीं था, यह उस विश्वास का उत्सव था, जो कहता है जब तक सांस है, तब तक आस है।
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