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शनिवार, 2 अगस्त 2025

दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर, लेकिन यहां पर नहीं है कोई हिंदू परिवार, जानिए.

यह दुनिया के कई देशों में प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। एक ऐसा देश है जहाँ दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर और सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि वहाँ कोई हिंदू परिवार नहीं है।इस देश के ध्वज का प्रतीक चिन्ह भी हिंदुओं का एक मंदिर है। हिंदू धर्म दुनिया का एकमात्र ऐसा धर्म है, जो सबसे प्राचीन है। ऐसा माना जाता है कि हिंदू धर्म 12 हज़ार साल से भी ज़्यादा पुराना है। हिंदू धर्म में मूर्ति पूजा और ध्यान का विशेष महत्व है। दुनिया के कई देशों में सनातन धर्म के अस्तित्व के कई प्रमाण मौजूद हैं।अंगकोर वाट मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। इसके अलावा, यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक भी है। यह कंबोडिया के अंगकोर में स्थित है। अंगकोर, सिमरिप शहर में मेकांग नदी के तट पर स्थित है। यह सैकड़ों वर्ग मील में फैला है। यह भगवान विष्णु का मंदिर है। 
पूर्ववर्ती शासकों ने यहाँ भगवान शिव के विशाल मंदिर बनवाए थे। इसका पुराना नाम यशोधपुर था। इस मंदिर का निर्माण राजा सूर्यवर्मन द्वितीय के शासनकाल 1112 से 1153 ईस्वी के दौरान हुआ था। इस मंदिर की छवि कंबोडिया के राष्ट्रीय ध्वज पर अंकित है। यह दुनिया के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है और यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी है।कंबोडिया दक्षिण पूर्व एशिया का एक प्रमुख देश है और इसकी आबादी लगभग 1.7 करोड़ है। पूर्वी एशिया में 5 हज़ार से 1 हज़ार साल पुराने पुराने मंदिर खोजे गए हैं। इन शोधों में भारत की प्राचीन गौरवशाली संस्कृति की झलक दिखाई दी है। वैज्ञानिकों ने माना है कि हज़ारों सालों में समुद्र का स्तर लगभग 500 मीटर बढ़ा है। इससे यह साबित हुआ है कि राम-सेतु, द्वारका नगरी जैसे स्थान आज भी मौजूद हैं और उनसे जुड़े पात्र भी सत्य हैं।कहा जाता है कि वर्षों पहले कंबोडिया में हिंदू धर्म था। पहले इसका संस्कृत नाम कंबुज या कंबोज था। कंबोजों की प्राचीन कथाओं के अनुसार, इस उपनिवेश की नींव आर्यदेश के राजा कंबु स्वायंभुव ने रखी थी। भगवान शिव की प्रेरणा से, राजा कंबु स्वायंभुव कंबोज देश आए। उन्होंने यहाँ के नाग जाति के राजा की सहायता से इस जंगली रेगिस्तान पर एक राज्य स्थापित किया। नागराज के अद्भुत जादू से, यह रेगिस्तान एक हरे-भरे, सुंदर क्षेत्र में बदल गया।कहा जाता है कि कंबु ने नागराज की पुत्री से विवाह किया और कंबुज वंश की स्थापना की। लेकिन विदेशियों की नज़र यहाँ पड़ी और उन्होंने तलवार के बल पर यहाँ रहने वाले हिंदुओं का धर्मांतरण कर दिया। यहाँ के लोग आज भी दिल से खुद को हिंदू मानते हैं।

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