संवेदनशील परीक्षा की सफलता को समर्पित एक प्रेरक संवाद
लखीमपुर खीरी, 21 जुलाई। विश्वास, पारदर्शिता और कर्तव्यनिष्ठा की त्रयी पर खड़ी होने जा रही है एक और महत्वपूर्ण परीक्षा आरओ-एआरओ परीक्षा। 27 जुलाई को सुबह 9:30 से 12:30 तक, जनपद लखीमपुर खीरी के 36 परीक्षा केंद्रों पर 14,784 अभ्यर्थियों की कलम भविष्य की दिशा तय करेगी। इन कलमों की स्याही ईमानदारी और अनुशासन से लिखेगी नये उत्तरदायित्व की इबारत। और इसी इबारत को निष्कलंक और निडर बनाने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है।
कलेक्ट्रेट स्थित अटल सभागार में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल का स्वर था स्पष्ट, संकल्पभरा और अनुशासनयुक्त। उन्होंने कहा
“यह परीक्षा केवल अभ्यर्थियों की नहीं, हम सबकी परीक्षा है। इसमें की गई छोटी सी गलती भी अक्षम्य होगी। हमें अपने उत्तरदायित्व को सेवा नहीं, साधना की तरह निभाना होगा।”
बैठक में स्टैटिक और सेक्टर मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक, जिला विद्यालय निरीक्षक, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी पूर्ण समर्पण के साथ उपस्थित थे। डीएम ने निर्देशित किया कि सभी केंद्रों पर सीसीटीवी की सतत निगरानी हो, प्रवेश द्वार पर सघन चेकिंग हो, सीटिंग प्लान पूर्व से तय हो और हर कक्ष में नियमों का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाए।
न्यायप्रियता की प्रहरी बनी पुलिस
बैठक में एएसपी पवन गौतम ने भी स्पष्ट किया कि पुलिस की पैनी नजर हर गतिविधि पर रहेगी। विशेष निगरानी इकाइयाँ सक्रिय रहेंगी और सुरक्षा में कोई ढील नहीं बरती जाएगी। उन्होंने अफसरों से आग्रह किया कि परीक्षा की संवेदनशीलता को समझें और हर कदम संयम व सजगता से उठाएं।
प्रशिक्षण से परिपक्वता की ओर
एडीएम नरेंद्र बहादुर सिंह ने बैठक के प्रारंभ में परीक्षा की रूपरेखा साझा करते हुए दायित्वों का गहन बोध कराया। आयोग के समन्वयी पर्यवेक्षक दिनेश पांडेय ने अभ्यास के माध्यम से उपस्थित अधिकारियों को परीक्षा संचालन की बारीकियों का प्रशिक्षण दिया। प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने इस बात पर बल दिया कि एकजुटता और सतर्कता से ही परीक्षा की गरिमा बनी रह सकती है।
बैठक में डीआईओएस विनोद कुमार मिश्र सहित सभी सेक्टर और स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापकगण, शिक्षा विभाग और पुलिस प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।
एक विश्वास… एक परीक्षा… एक प्रण
लखीमपुर अब तैयार है एक निष्पक्ष, पारदर्शी और गरिमामयी परीक्षा आयोजन के लिए। जब 27 जुलाई की सुबह अभ्यर्थी परीक्षा कक्ष की ओर बढ़ेंगे, तब उनके पीछे प्रशासन की परछाईं होगी – सतर्क, सजग और संकल्पित। क्योंकि यह परीक्षा केवल नियुक्ति की नहीं, बल्कि निष्ठा, नीतियों और नैतिकता की परीक्षा है।
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