लखीमपुर खीरी, जुलाई 2025। स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि के अवसर पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज (सीबीएसई बोर्ड) के प्रांगण में एक विशेष प्रेरणादायी कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जो विद्यार्थियों के हृदय में चेतना की ज्वाला प्रज्वलित कर गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक एवं चिंतक राजेश दीक्षित ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने ओजस्वी विचारों से नई पीढ़ी का मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ स्वयंसेवक राजेश दीक्षित एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य अरविंद सिंह चौहान द्वारा माँ सरस्वती एवं स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। यह आलोकमयी आरंभ जैसे वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार कर गया। राजेश दीक्षित ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में स्वामी विवेकानंद के जीवन, विचार एवं उनके द्वारा रचित आध्यात्मिक एवं राष्ट्रवादी दर्शन को सरल, लेकिन गहनता से विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा स्वामी विवेकानंद केवल एक व्यक्ति नहीं, अपितु युवा मन का दर्पण हैं। उनकी वाणी आज भी हर जागरूक हृदय में आत्मबल जगाती है। वे हमें सिखाते हैं कि शिक्षा केवल ज्ञान अर्जन नहीं, चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण का माध्यम है। राजेश दीक्षित ने युवाओं को आत्मविश्वास, अनुशासन, सेवा और स्वावलंबन का मंत्र देते हुए आह्वान किया कि आज का छात्र यदि विवेकानंद के विचारों को जीवन में उतारे, तो वह न केवल अपना भविष्य संवार सकता है, बल्कि राष्ट्र की दिशा भी तय कर सकता है। कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ आचार्य संजय द्विवेदी ने उपस्थित अतिथियों, वक्ता एवं समस्त छात्र-छात्राओं के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।
समारोह में विद्यालय के समस्त आचार्यगण, आचार्या बहनें तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे, जिन्होंने इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करने और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया। आज का यह कार्यक्रम केवल एक आयोजन नहीं था, बल्कि विद्यार्थियों के अंतर्मन में स्वाध्याय, सेवा और संकल्प की मशाल जला गया, एक ऐसा क्षण, जब विद्या मंदिर में स्वामी विवेकानंद की चेतना फिर से गूंज उठी।
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