संकल्प संगीत संस्था और कनक सेवा संस्था की संयुक्त प्रस्तुति ने रचा नए उत्साह और उम्मीदों का इतिहास
लखीमपुर खीरी, 29 जून। शहर की रचनात्मक रगों में दौड़ा हुनर का लहू, जब "लखीमपुर टैलेंट वाइब" के रंगमंच पर जिले की उभरती प्रतिभाओं ने आत्मविश्वास और कौशल की नई परिभाषा लिखी। बीती 29 जून को शहनाई मैरिज लॉन में आयोजित इस कार्यक्रम ने एक भव्य सांस्कृतिक उत्सव का रूप ले लिया, जिसमें संगीत, नृत्य, फैशन, चित्रकला, ताइक्वांडो और सामाजिक सहभागिता के विविध रंग एक साथ खिले। कार्यक्रम की अगुआई कर रही मधुलिका त्रिपाठी (संकल्प संगीत संस्था) एवं कनक लता मिश्रा (कनक सेवा संस्था) ने जहां सांस्कृतिक समर्पण को स्वर दिया, वहीं आयोजिका आस्था श्रीवास्तव और मंच संचालक अतीन्द्र मिश्रा ने पूरे आयोजन को ऊर्जा और गरिमा से भर दिया। मुख्य अतिथि डॉ. इरा श्रीवास्तव ने मंच से कहा इस प्रकार के आयोजन न केवल प्रतिभाओं को उजागर करते हैं, बल्कि समाज के सांस्कृतिक मनोबल को भी सुदृढ़ करते हैं। कार्यक्रम के प्रमुख सहयोगी हिमांशु शर्मा, काजल वर्मा, आयुषी श्रीवास्तव, सुमन, दिव्यांशी वर्मा और विशाल गुप्ता की कर्मठता इस आयोजन की नींव बनी। प्रतियोगिताओं की झलकियों में उभरी प्रतिभाओं की चमक ने बिखेरा जादू, जिसमें विजेता रहे ताइक्वांडो में जूनियर विंग के युग श्रीवास्तव सीनियर विंग से काजल वर्मा, चित्रकला में जूनियर विंग से आभास, हर्षिता हार्ड, अश्विनी निषाद, सीनियर विंग से सावन कुमार, आकर्षी गुप्ता, जारा सिद्दीकी, मेहंदी में साफिया, खुशबू, अलविशा, गायन में संजना, विनायक, ऋषि चौरसिया, गिटार में शिखर सिंह, दिव्या सिंह, वैभव सिंह, किड्स फैशन शो में शिप्राशी श्रीवास्तव, अक्षय खरे, आकृति वर्मा, मॉडलिंग (गर्ल्स) में मिस लखीमपुर: सिमरन सिंह चौहान, रनर अप: तनुश्री, भाव्या, मॉडलिंग (बॉयज) में मिस्टर लखीमपुर: आदित्य वर्मा, रनर अप: प्रशांत, विक्रांत, नृत्य प्रतियोगिता में जूनियर विंग से उन्नति राज, शिप्राशी श्रीवास्तव, यशस्वी जादव, सीनियर विंग से कशिश पॉप, तनिबा अली खान, शिवा भारद्वाज, इसी प्रकार सुपर मॉम प्रतियोगिता में, प्रथम द फायर ग्रुप (अरूणिता, मोनिका, किरन, सुमन, ममता), द्वितीय: रूबी वर्मा, तृतीय: खेल कुमारी। विजई प्रतिभाओं को आयोजक मंडल द्वारा पुरस्कृत कर उत्साहित एवं ऊर्जित किया गया। कुलमिलाकर यह आयोजन केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि उम्मीदों की उड़ान, जुनून का उत्सव और एक सामाजिक प्रेरणा का माध्यम बन गया। "लखीमपुर टैलेंट वाइब" ने सिद्ध कर दिया कि जब मंच मिलता है, तो प्रतिभा स्वयं बोलती है, पूरे आत्मविश्वास और उजाले के साथ।
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