भाजपा बूथ अध्यक्ष व उनके भतीजे को बदमाशों ने दौड़ाकर मारी गोली, 11 साल पूर्व क्रिकेट खेलने में हुई हत्या के मामले में मृतक के भाई ने की वारदात
खानपुर थानाक्षेत्र के गाजीपुर-आजमगढ़ बार्डर क्षेत्र में स्थित कूढ़ालंबी गांव में 11 साल पूर्व क्रिकेट खेलने को लेकर हुए विवाद में एक व्यक्ति की मौत से खार खाए बदमाशों ने भाजपा के बूथ अध्यक्ष सहित उनके भतीजे पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उन्हें लहूलुहान कर दिया और फरार हो गए। घटना में युवक की किस्मत इस कदर बुलंद रही कि 3 गोलियां लगने के बावजूद उसकी जान बच गई। वहीं चाचा को भी गोली लगी लेकिन उसकी भी जान बच गई। फायरिंग के बाद परिजन फौरन युवक को लेकर सैदपुर सीएचसी आए, जहां स्थानीय पुलिस को सूचित कर उसे रेफर कर दिया गया। घटना की वजह 11 साल पुराना क्रिकेट खेलने का विवाद सामने आ रहा है। सोमवार की सुबह करीब 11 बजे गांव निवासी व बूथ संख्या 14 के भाजपा के अध्यक्ष 55 वर्षीय त्रिवेणी सिंह पुत्र लक्ष्मी सिंह अपने 34 वर्षीय विश्वजीत सिंह राजन पुत्र बृजभूषण सिंह के साथ गांव में ही स्थित सैलून में दाढ़ी व बाल बनवाने गए थे और बाहर निकल रहे थे। रविवार को सैलून में काफी भीड़ होने के चलते वो सोमवार को सैलून गए थे और अभी वो बाहर निकले ही थे कि पहले से घात लगाकर तैयार दो बाइक सवार 4 बदमाश वहां आए और पिस्टल निकालकर ताबड़तोड़ उन पर फायर झोंक दिया। इधर जैसे ही उन्होंने बदमाशों की पिस्टल देखी, चाचा व भतीजा भागने लगे। आगे निकल गए त्रिवेणी सिंह के हाथ में एक गोली लगी, वहीं राजन के पीठ में 3 गोलियां लगीं और वो वहीं गिर गए। जिसके बाद बदमाश मौके से फरार हो गए। इधर घटना के बाद राजन को सीएचसी लाया गया। जहां चिकित्सकों ने उनका एक्सरे कराया तो पता चला कि उन्हें 3 गोलियां लगीं और तीनों गोली अंदर ही फंसी है। उनकी किस्मत इतनी अच्छी थी कि राजन को लगी हुई गोलियां अंदर जाकर न जाने कैसे मुड़कर मांस में ही धंसकर रह गईं। अगर वो थोड़ी सी आगे फेफड़े तक पहुंच जातीं तो राजन की जान को खतरा हो सकता था। इधर सूचना पाकर सीओ अनिल कुमार व कोतवाल योगेंद्र सिंह सीएचसी पहुंचे। इसके बाद प्राथमिक उपचार कर राजन को वाराणसी रेफर कर दिया गया। इधर गांव में ताबड़तोड़ फायरिंग की आवाज सुनकर हड़कंप मच गया। अस्पताल में पहुंचे सीओ ने घायल राजन से पूछताछ की तो उसने बताया कि 11 साल पूर्व क्रिकेट खेलने को लेकर विवाद हुआ था, उसकी को लेकर आज ये घटना को गांव निवासी अविनाश यादव द्वारा अंजाम दिया गया है। बताया कि वो नोएडा में नौकरी करता है, जिसके चलते वो बाहर ही रहता है। इन दिनों छुट्टी पर घर आने के चलते बदमाश हमले का मौका ढूंढ रहे थे और वो सफल हो ही गए। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि 2014 में क्रिकेट खेलने को लेकर दो पक्षों में मारपीट हुई थी, जिसमें आज के हमलावर अविनाश के भाई मनीष यादव की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जिसके बाद से अविनाश अपने भाई की मौत का जिम्मेदार राजन आदि को मानता था लेकिन बाहर नौकरी करने के चलते वो शांत था। इस समय छुट्टी पर आए होने के चलते संभवतः उसका आक्रोश फिर से जाग गया और उसने साथियों संग इस घटना को अंजाम दे दिया। बहरहाल, सीओ ने बताया कि घटना के खुलासे के लिए 3 टीमें गठित कर जांच कराई जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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