*अपराध पर नकेल कसने को प्रशासन सख्त: एडीएम ने की अभियोजन कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक, दिए निर्देश
*एडीएम नरेंद्र बहादुर सिंह बोले, गंभीर मामलों में दोषियों को हर हाल में दिलाएं सजा
लखीमपुर खीरी, 27 जून। गुरुवार देर शाम कलेक्ट्रेट में एडीएम नरेंद्र बहादुर सिंह की अध्यक्षता में अभियोजन कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में लंबित वादों की समीक्षा करते हुए उन्होंने अभियोजन अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।
एडीएम नरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि गंभीर प्रकृति के वादों में प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाए, ताकि दोषियों को कठोर सजा दिलाई जा सके। उन्होंने कहा कि अपराधियों में यह संदेश जाना चाहिए कि छोटा से छोटा अपराध करने पर भी वे सजा से नहीं बच सकते। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि न्यायालय में पेश होने वाले गवाहों की 100 प्रतिशत परीक्षित सुनिश्चित की जाए। साथ ही, जो मामले दोषमुक्त हुए हैं, उनमें नियमानुसार अपील की कार्यवाही अनिवार्य रूप से की जाए। बैठक में अभियोजन से जुड़े अधिकारियों ने विभिन्न लंबित मामलों की स्थिति से एडीएम को अवगत कराया और न्याय प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए अपने सुझाव भी साझा किए।
डीएम ने मौजूद शासकीय अधिवक्ताओं एवं अभियोजन के अधिकारियों से न्यायालयों में साक्षियों की उपस्थिति और उनके पक्षद्रोही होने के कारणों की समीक्षा की। डीएम ने पुलिस विभाग व अभियोजन विभाग से कहा
कि समन तामीली समयबद्ध होनी चाहिए। अधिकतम साक्षियों को न्यायालयों के समक्ष परीक्षित कराया जाय। अकारण साक्षियों की वापसी ना होने पाए, यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाए। न्यायालयों में विचाराधीन मामलों में सफल अभियोजन पैरवी कर सजा का प्रतिशत बढ़ाया जाना चाहिए। ताकि न्यायालयों में लंबित पुराने मामलों का निस्तारण शीघ्र हो सके।
बैठक में संयुक्त निदेशक (अभियोजन), ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी,अभियोजन अधिकारी, सहायक अभियोजन अधिकारी, जिला शासकीय अधिवक्ता (क्रिमिनल), विशेष लोक अभियोजक, एडीजीसी क्रिमिनल, अपर शासकीय अधिवक्ता, विशेष लोक अभियोजक मौजूद रहे।
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