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सोमवार, 30 जून 2025

Lmp. ज्ञानपथ के अग्रदूतों का सशक्तिकरण कार्यक्रम आचार्य दक्षता वर्ग

लखीमपुर खीरी। शिक्षक वह दीपक है, जो स्वयं जलकर अज्ञान के अंधकार को मिटाता है। इसी भाव को साकार करते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज (CBSE), लखीमपुर खीरी में विद्या भारती के निर्देशन में मासिक आचार्य दक्षता वर्ग का सफल आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम न केवल शिक्षकों के कौशल विकास की दिशा में एक सार्थक प्रयास रहा, बल्कि भारतीय शिक्षा संस्कृति के मूल्यों को पुनः जागृत करने वाला पावन अवसर भी बना।
कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य अरविंद सिंह चौहान द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। उनकी ओजस्वी वाणी और मार्गदर्शन ने समस्त आचार्यों में नवचेतना का संचार कर दिया। प्रधानाचार्य श्री चौहान ने प्रभावी वंदना सत्र की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि यह केवल एक प्रार्थना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों में अनुशासन, एकाग्रता और सांस्कृतिक चेतना जाग्रत करने का श्रेष्ठ साधन है। उन्होंने पंचपदीय शिक्षण पद्धति के आधुनिक प्रयोगों को साझा किया, जिससे शिक्षण और अधिगम को छात्र-केंद्रित, सहज और सारगर्भित बनाया जा सके। साथ ही Learning Teaching Material (LTM) के सटीक प्रयोग द्वारा ज्ञान को दृश्य, श्रव्य और अनुभवात्मक बनाकर विद्यार्थियों को आनंददायक शिक्षण प्रक्रिया से जोड़ने की प्रेरणा दी। श्री चौहान ने श्लोक, मंत्र एवं राष्ट्रगीत के शुद्ध उच्चारण एवं भावार्थ पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने बताया कि शब्दों में केवल ध्वनि नहीं, संस्कृति की आत्मा बसती है और जब शिक्षक स्वयं उसके भाव को समझकर प्रस्तुत करता है, तब वह पीढ़ियों तक प्रभाव छोड़ने वाली प्रेरणा बन जाती है। यह दक्षता वर्ग विद्या भारती की उस दूरदृष्टि का साक्षी है, जिसमें शिक्षक केवल पाठ पढ़ाने वाला नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की नींव रखने वाला महान मार्गदर्शक माना जाता है। इस कार्यक्रम ने न केवल शिक्षकों की दक्षता बढ़ाई, बल्कि उन्हें ‘आचार्य’ शब्द के वास्तविक अर्थ आचरण से सिखाने वाला की अनुभूति भी कराई। निःसंदेह, इस प्रकार के प्रयास भारतीय शिक्षा की जड़ों को और अधिक मजबूत कर नई पीढ़ी को संस्कार, ज्ञान और चरित्र से परिपूर्ण बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।

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