अहमदाबाद जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय… यह कहावत अहमदाबाद विमान हादसे में सच साबित हुई. दरअसल, इस भयानक हादसे में एक यात्री विश्वास कुमार रमेश मौत को मात देकर जिंदा बच निकले। लोग इसे भगवान का चमत्कार मान रहे हैं. 625 फीट की ऊंचाई से गिरने के बाद एयर इंडिया का विमान आग का गोला बन गया, लेकिन 40 वर्षीय रमेश, जो सीट नंबर 11-A पर बैठे थे, किसी तरह बच गए. रमेश ब्रिटिश नागरिक हैं।
ऐसी ही एक शख्स की कहानी है. जिसका नाम फ्रैन सेलाक है. दरअसल, साल 1963 में वो एक प्लेन में थे जब उसका इंजन फेल हो गया. फ्राने को हवा में फेंका गया और वो एक घास के ढेर पर जा गिरे, जबकि प्लेन क्रैश हो गया और 19 यात्री मारे गए। लेकिन फ्रैन सेलाक जिंदा बच गए।फ्रैन सेलाक एक-दो बार नहीं, बल्कि पूरे 7 बार मौत को मात दी है. उनकी कहानी किसी फिल्म से कम नहीं. यह सिलसिला 1962 में शुरू हुआ, जब फ्राने एक ट्रेन में सफर कर रहे थे. ट्रेन पटरी से उतरकर एक बर्फीली नदी में जा गिरी. 17 लोग की मौत हो गई थी, लेकिन फ्राने को बस हाथ में फ्रैक्चर हुआ और वो बच निकले. अगले ही साल 1963 में वो एक प्लेन में थे जब उसका इंजन फेल हो गया. फ्राने को हवा में फेंका गया और वो एक घास के ढेर पर जा गिरे, जबकि प्लेन क्रैश हो गया और 19 यात्री मारे गए।1966 में उनकी बस एक नदी में गिर गई, जिसमें चार लोग डूब गए, लेकिन फ्राने तैरकर बाहर आ गए. 1970 में कार चलाते समय उनकी गाड़ी में आग लग गई, लेकिन वो बाहर कूदने में कामयाब रहे. 1973 में उनकी दूसरी कार में ईंधन पंप से लीक हुई गैस के कारण आग लग गई. इस बार भी वो बाल-बाल बचे गए थे. फिर साल 1995 में एक बस ने उन्हें टक्कर मार दी, लेकिन उन्हें बस मामूली चोटें आईं और फिर 1996 में, उनकी कार पहाड़ से नीचे गिर गई, लेकिन वो पेड़ पर कूदकर अपनी जान बचाने में कामयाब रहे।
इतनी बार मौत को धोखा देने के बाद फ्राने ने 2003 में लॉटरी और लगभग 8 करोड़ रुपये के मालिक बन गए. अपनी अविश्वसनीय किस्मत के कारण, फ्राने सेलेक की कहानी आज भी लोगों को हैरान करती है और उन्हें 'दुनिया का सबसे लकी शख्स' माना जाता है।
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