लखीमपुर खीरी, 1 मई 2025 जनजागरण डेस्क। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद मा. रामजी लाल सुमन पर हो रहे बारंबार प्राणघातक हमलों के विरोध में लखीमपुर की धरती फिर से संघर्ष की गवाह बनी।
समाजवादी महिला सभा की जिलाध्यक्ष प्रख्याति खरे, महासचिव आरती जनवार और साथियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रतीकात्मक पुतला जलाकर लोकतांत्रिक विरोध का ऐलान किया। इस जनभावना की अगुवाई करते हुए छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष संदीप वर्मा, सुधाकर लाला और रमन मनार ने अपने स्वाभिमान की मशाल जलाए रखी। परन्तु सत्ता ने एक बार फिर असहमति की आवाज़ को कैद कर लेने का दुस्साहस किया, इन तीनों युवाओं को जेल की कोठरी में डाल दिया गया। बेदाग़ हिम्मत, बुलंद इरादों और सच्चाई की मशाल लिए जब ये युवा न्याय के लिए उठे, तब पूरी पार्टी उनके साथ खड़ी हो गई।
जिला अध्यक्ष रामपाल यादव, सांसदगण आनंद भदौरिया व उत्कर्ष वर्मा, पूर्व विधायक रामसरन, विनय तिवारी, सुनील कुमार भार्गव सहित अनेक वरिष्ठ नेता और अधिवक्ता साथी इनके पक्ष में एक दीवार बनकर खड़े हो गए।
बार संघ के अध्यक्ष कमलाकांत दीक्षित, महामंत्री राजीव पांडे और दर्जनों अधिवक्ताओं ने न सिर्फ कानूनी मोर्चा संभाला, बल्कि यह भी जताया कि न्याय की लड़ाई केवल अदालतों में नहीं, दिलों में भी लड़ी जाती है। संदीप वर्मा, सुधाकर लाला और रमन मनार ने अपने आभार संदेश में हर उस साथी को धन्यवाद दिया जो उनके संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा। और यह भी जताया कि यह लड़ाई व्यक्तिगत नहीं, वैचारिक है, जनविरोधी तंत्र के खिलाफ जनतांत्रिक शक्ति की जंग। इस भावपूर्ण संवाद को समाजवादी पार्टी के जिला प्रवक्ता व मीडिया प्रभारी जाहिद अली खान ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति के माध्यम से साझा किया, जिसमें सिर्फ सूचना नहीं थी, बल्कि प्रतिरोध की तपती हुई लकीरें भी थीं। फिलहाल यह कहानी केवल तीन युवाओं की गिरफ्तारी की नहीं है, यह एक युगबोध है, जहां सवाल करना अभी भी जिंदा है।
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