Breaking

शनिवार, 10 मई 2025

Lmp. प्रशासन मौन, बंदर गूँजते, शहर की बेबसी पर : "बंदरों से निजात है जरूरी"

लखीमपुर। यूं तो हमेशा से ही नगर में घूमते छुट्टा पशु नागरिकों के लिए परेशानी पैदा करते रहे हैं किन्तु आज कल बंदरों के चलते आए दिन समस्याएं पैदा हो रही हैं। आते जाते राहगीरों, स्कूल जाते बच्चों, काम करते सफाई कर्मियों, मंदिर जाती महिलाओं और प्रातः भ्रमण को जाते नागरिकों को आए दिन दौड़ा लेने, सामान छीन लेने और काट लेने जैसी घटनाओं दो चार होना पड़ता है। 

घरों की छतों, पार्कों और गलियों में तो मानो इनका कब्जा ही हो गया है, गमले-पौधे, खाद्य सामग्री, कपड़े आदि खुले में रखना, फैलाना और अपने हाथ, साथ में थैला लेकर चलना यहां तक कि दोपहिया वाहनों से भी चलना निकलना और खुद को इनसे बचाना बहुत मुश्किल हो चला है। वैसे तो नगर भर में बंदरों का आधिपत्य बढ़ता जा रहा है किंतु मोहल्ला संकटा देवी, मिश्राना, बाजार, रेलवे स्टेशन, सायं और प्रातः कचेहरी परिसर एवं विभिन्न पार्कों में इनका दबदबा बढ़ता ही जा रहा है।

इस दिशा में जिम्मेदार विभागों द्वारा अविलंब समुचित कदम उठाने और निरीह नागरिकों को दिनोंदिन विकराल होती जा रही इस समस्या से बचाने की जरूरत है।

✍🏻रामG 
राम मोहन गुप्त 'अमर' लखीमपुर-खीरी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Comments