लखीमपुर। कभी किसी मंदिर की आरती में तबले की थाप गूंजती है, तो कभी किसी माँ की लोरी में राग यमन की छाया मिलती है। भारतीय शास्त्रीय संगीत केवल एक कला नहीं, आत्मा की भाषा है और अब इसी दिव्यता का साक्षात्कार करने का सौभाग्य लखीमपुरवासियों को मिलने जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि 1 जून से 15 जून तक, संगीत नाटक अकादमी लखनऊ तथा ताल वाद्य अकादमी के सौजन्य से लखीमपुर की पावन धरती पर शास्त्रीय संगीत की एक नि:शुल्क कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यहां प्रत्येक संध्या 4:00 से 6:00 बजे तक, सुर और ताल का अद्वितीय संगम होगाbजहाँ कला केवल सीखी नहीं जाएगी, बल्कि जी जाएगी। यह कार्यशाला केवल संगीत की शिक्षा नहीं देगी, बल्कि आत्मा को स्वरबद्ध करने की एक आध्यात्मिक यात्रा होगी। तबले की थाप, भरतनाट्यम की मुद्राएँ, और रागों की सुगंध, सब मिलकर रचेंगे एक ऐसा वातावरण, जहाँ मन संगीत में तिरोहित हो जाएगा।
280, निकट शिव मंदिर, अतुल कुमार अनूप कुमार ज्वेलर्स के सामने, लखीमपुर में आयोजित होने वाली इस कार्यशाला का संपर्क सूत्र 📞 6394592797, 9355113899 देते हुए डॉ0 रुचि रानी गुप्ता ने शास्त्रीय संगीत प्रेमियों से अपील की कि प्रिय युवाओं, अभिभावकों, एवं संगीत प्रेमियों! आज जब जीवन की गति मशीन की तरह तेज़ हो चली है, तब एक पल रुककर सुरों की इस साधना में स्वयं को समर्पित कीजिए। यह कार्यशाला आपके बच्चों के भीतर छिपे कलाकार को जागृत कर सकती है, और बड़े-बूढ़ों के जीवन में भी फिर से रस घोल सकती है। यह आमंत्रण है, केवल शास्त्रीय संगीत सीखने का नहीं,
बल्कि अपनी संस्कृति से, अपनी आत्मा से जुड़ने का।
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