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शुक्रवार, 2 मई 2025

#Lmp. "आकांक्षा स्टोर" - एक क्रांति, जहाँ सपने आकार लेते हैं, और हर स्त्री बनती है अपनी कहानी की नायिका

राजापुर, लखीमपुर खीरी, 02 मई। भीड़भाड़ से दूर, एक शांत कोने में बसा आकांक्षा स्टोर आज केवल एक दुकान नहीं, एक क्रांति है। यह उन तमाम स्त्रियों की चुप्पी को आवाज़ देता है, जिनके हाथों ने चूल्हे की राख से लेकर कढ़ाई की सूई तक जीवन बुना है, और अब वही हाथ आत्मनिर्भरता का परचम लहरा रहे हैं।

शुक्रवार को जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल जब इस स्टोर में कदम रखती हैं, तो जैसे पूरे परिसर में प्रेरणा की ऊर्जा प्रवाहित हो उठती है। दीवारों पर सजे हस्तशिल्प, अलमारियों में सजे स्वादिष्ट गृह-निर्मित खाद्य पदार्थ, रंग-बिरंगे वस्त्र, हर वस्तु एक कहानी कहती है। ये कहानी है संघर्ष की, आत्मबल की, और उस आशा की, जो हर महिला के मन में पलती है। डीएम ने न केवल इन उत्पादों को सराहा, बल्कि स्वयं खरीदारी कर महिलाओं के परिश्रम को सम्मान भी दिया। जब उन्होंने डिजिटल पेमेंट करते हुए मुस्कराकर कहा, यह स्टोर नहीं, स्वाभिमान का मंदिर है, तो उपस्थित हर महिला की आँखें गर्व से भर आईं।
हर माह बदलता स्टॉक केवल व्यापार की रणनीति नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि ये महिलाएं रुकना नहीं जानतीं। वे सीखती हैं, रचती हैं और फिर दुनिया को दिखाती हैं कि उनकी कल्पना कितनी रंगीन और शक्तिशाली है।
डीएम नागपाल ने कहा, आकांक्षा स्टोर उस स्त्री की प्रतीक है, जो सीमाओं से आगे बढ़ना चाहती है। हर वस्तु यहाँ सिर्फ बिकती नहीं, एक नई सुबह का सपना बुनती है।
इस प्रेरक क्षण में एसडीएम श्रद्धा सिंह, अमिता यादव, जीजीआईसी की प्रधानाचार्या शालिनी दुबे और आकांक्षा समिति की अन्य सदस्य भी उपस्थित रहीं, जिनकी उपस्थिति ने इस अभियान को और अधिक संबल प्रदान किया।
आकांक्षा स्टोर केवल एक पते पर सिमटा नाम नहीं, यह उस आंदोलन का नाम है, जहाँ महिलाएं अब सहायता की प्रतीक्षा नहीं करतीं वे खुद दूसरों की प्रेरणा बन रही हैं।

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