🔘 लखीमपुर पालिका परिषद ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए किया "कर-मुक्त" सम्मान, सैनिकों के नाम
लखीमपुर, उत्तर प्रदेश। जब एक सैनिक सरहद पर खड़ा होता है, तो उसका घर, उसका परिवार और उसका सुख सब देश को समर्पित हो जाता है। उसकी नींद भी देश के जागरण की कीमत होती है। ऐसे ही समर्पण और बलिदान को नमन करते हुए नगर पालिका लखीमपुर ने एक ऐसा निर्णय लिया है, जो न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि भावनाओं से भी ओतप्रोत है।
नगर पालिका अध्यक्ष इरा श्रीवास्तव ने बोर्ड की बैठक के पश्चात यह ऐलान किया कि अब पूर्व व वर्तमान सैनिकों, अर्धसैनिक बलों एवं बीएसएफ के जवानों से कोई हाउस टैक्स नहीं लिया जाएगा। यह निर्णय न केवल नीति की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देशभक्ति और कृतज्ञता का सजीव उदाहरण भी है। यह निर्णय उन हजारों परिवारों के लिए एक संदेश है "हम आपके ऋणी हैं।" यह सिर्फ टैक्स माफ़ी नहीं, बल्कि उन छुपे हुए त्यागों की एक सार्वजनिक स्वीकृति है, जो सैनिकों के परिवार वर्षों से silently झेलते आए हैं। पालिकाध्यक्षा इरा श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य में कहा कि जवानों ने अपनी ज़िंदगी के सबसे कीमती पल देश को दिए हैं, आज हमारा दायित्व है कि हम उन्हें उनके अपने शहर में वो मान दें, जिसके वे सच्चे अधिकारी हैं। लखीमपुर नगर पालिका का यह कदम केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि आने वाले समय के लिए एक मिसाल है। यह वह सोच है, जो राष्ट्र निर्माण को सिर्फ सीमाओं पर नहीं, समाज के हर कोने में महसूस करती है। यह वह दृष्टि है, जो योद्धाओं को सिर्फ युद्धभूमि में नहीं, बल्कि उनके घरों में भी विजयी मानती है। आज लखीमपुर ने दिखा दिया कि सच्ची श्रद्धांजलि तो वही है जो जीवित रहते किसी का सम्मान बन जाए। अब जब कोई सैनिक अपने घर लौटेगा, तो उसे यह एहसास होगा कि यह धरती केवल उसकी रक्षा चाहती नहीं, बल्कि उसे सम्मान भी देती है। कुलमिलाकर यह निर्णय एक उदाहरण है, जब प्रशासन संवेदनशील हो, तो नीतियाँ केवल कागज़ पर नहीं, दिलों में उतरती हैं।
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