लखीमपुर खीरी। शिशु शिक्षा के सुगंधित उपवन में संस्कारों की सुरभि फैलाने हेतु विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु वाटिका लखीमपुर में एक ऐतिहासिक और भावप्रवण आयोजन होने जा रहा है। 24 मई से 30 मई 2025 तक चलने वाले प्रांतीय शिशु वाटिका प्रशिक्षण वर्ग में अवध प्रांत के 13 जिलों की चयनित प्रशिक्षार्थी बहनें सहभागिता करने के लिए एकत्र होंगी।
यह वर्ग केवल प्रशिक्षण नहीं, अपितु एक आध्यात्मिक सांस्कृतिक साधना शिविर होगा, जहाँ प्रतिदिन प्रात: 6 बजे हवन-पूजन से दिन का शुभारंभ होगा, और रात्रि 9 बजे तक चलने वाले छह सत्रों में शिशु शिक्षा, संस्कृति, कर्तव्यबोध, राष्ट्रप्रेम और वैदिक मूल्यों का समावेश किया जाएगा। लखीमपुर, सीतापुर, लखनऊ, उन्नाव, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, बाराबंकी, बहराइच, हरदोई, रायबरेली, श्रावस्ती, गोण्डा और बलरामपुर इन तेरह जिलों से पधारने वाली बहनों के लिए यह अवसर केवल शिक्षण का नहीं, आत्मगौरव और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का होगा। आयोजन स्थल सरस्वती बालिका विद्या मंदिर मिश्राना में भव्य शैक्षिक प्रदर्शनी भी सजाई गई है, जिसमें भारत की प्राचीन शिक्षा परंपरा, बाल मनोविज्ञान और नवाचार के आयामों का सजीव दर्शन होगा। वर्ग की गरिमा को और भी ऊँचाइयाँ देने हेतु क्षेत्रीय संगठन मंत्री, सह-क्षेत्रीय संगठन मंत्री, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदेश निरीक्षक, संभाग निरीक्षक, एवं सभी प्रधानाचार्य बंधु मार्गदर्शन हेतु उपस्थित रहेंगे। यह प्रशिक्षण वर्ग न केवल बहनों के लिए एक ज्ञानयात्रा सिद्ध होगा, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण की उस नींव को भी सुदृढ़ करेगा, जिसकी पहली ईंट शिशु के संस्कार होते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Post Comments