● नवागत प्रयागराज पुलिस कमिश्नर जोगेन्द्र कुमार की गिनती यूपी के तेज तर्रार पुलिस अधिकारियों में होती है जिनकी छवि ‘सिंघम’ के रूप में स्थापित है
प्रयागराज की कानून-व्यवस्था को और अधिक सशक्त और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। 2007 बैच के तेज़तर्रार आईपीएस अधिकारी जोगेन्द्र कुमार को प्रयागराज का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है। इसके पहले उनकी नियुक्ति आईजी रेंज कानपुर थी।
आईपीएस जोगेंद्र कुमार के गिनती प्रदेश के सबसे सक्रिय, निर्णायक और निष्पक्ष अधिकारियों में होती है।प्रयागराज जैसे संवेदनशील, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाले शहर की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए शासन का यह कदम अहम माना जा रहा है। जोगेन्द्र कुमार की छवि ‘सिंघम’ के रूप में स्थापित है। वे गोरखपुर, आगरा, अयोध्या जैसे जिलों में कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच कर उन्हें सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचा चुके हैं।मऊ में 18 अप्रैल 2012 को एसपी रहते हुए उन्होंने एक ऑपरेशन के दौरान 15 हजार लोगों की जान बचाई थी, जिसमें एक पांच वर्षीय बालक सहित बड़ी संख्या में नागरिक शामिल थे। इस दौरान 15 हजार के इनामी अपराधी धीरज सिंह और विकास सिंह को पांच घंटे चली मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया था।
प्रयागराज पहुंचते ही जोगेन्द्र कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी प्राथमिकता अपराध पर जीरो टॉलरेंस, महिलाओं की सुरक्षा, साइबर क्राइम पर रोक और गैंगस्टर नेटवर्क पर कड़ी कार्रवाई होगी। वे फील्ड में रहकर जनसंवाद, त्वरित शिकायत निवारण और पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे।
राजस्थान के बाड़मेर जिले के मूल निवासी जोगेन्द्र कुमार ने वर्ष 2001 के बाद कॉलेजों में शिक्षक के रूप में कार्य किया। इसके बाद 2004 में SCTO के रूप में नियुक्त हुए, लेकिन पुलिस सेवा में जाने की इच्छा ने उन्हें 2006 में UPSC परीक्षा तक पहुंचाया, और 2007 बैच के आईपीएस बने। उन्हें राष्ट्रपति वीरता पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है।
प्रयागराज में उनकी नियुक्ति को लेकर आम जनता में कानून व्यवस्था को लेकर उम्मीदें जगी हैं, जबकि अपराधियों में खौफ का माहौल है। प्रशासनिक हलकों में भी यह माना जा रहा है कि उनका कार्यकाल जिले की छवि को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
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