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मंगलवार, 6 मई 2025

ABP India@2047 सम्मेलन में पीएम मोदी का संकल्प संदेश, भारत अब अपनी कथा स्वयं लिखेगा

दिल्ली। नई दिल्ली के भव्य भारत मंडपम में 6 मई की रात, जब घड़ी ने ठीक आठ बजाए, तब न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंच पर आए, बल्कि पूरे देश की धड़कनों को भी एक नई दिशा मिल गई। यह केवल एक भाषण नहीं था, यह भविष्य के भारत का घोषणापत्र था, विकास, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय स्वाभिमान की अनुगूंज से ओतप्रोत।
ABP नेटवर्क द्वारा आयोजित India@2047 शिखर सम्मेलन के इस ऐतिहासिक क्षण में, प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कहा भारत अब और प्रतीक्षा नहीं करेगा। अब वह अपने संसाधनों, अपने संकल्प और अपनी सोच से विश्वपटल पर अपनी कथा स्वयं लिखेगा। इस अवसर पर उन्होंने भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच हुए ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते की घोषणा की, जिसे वैश्विक मंच पर आर्थिक सहयोग का स्वर्णिम अध्याय बताया गया। यह समझौता, उन्होंने कहा दो राष्ट्रों के बीच साझेदारी का नहीं, बल्कि विश्वास का सेतु है। परंतु भाषण का सबसे मार्मिक क्षण तब आया जब उन्होंने कहा हमारा पानी, अब हमारे काम आएगा। यह वाक्य अकेला नहीं था, वह एक युगांतकारी विचार था। पाकिस्तान की ओर बहते भारत के जल संसाधनों पर पुनर्विचार की घोषणा ने स्पष्ट संकेत दिया कि भारत अब अपने अधिकारों को केवल समझौते की भाषा में नहीं, बल्कि आत्मसम्मान के स्वर में परिभाषित करेगा। प्रधानमंत्री ने ‘राष्ट्र प्रथम’ की नीति को केवल एक नारा नहीं, बल्कि दस वर्षों की विकास यात्रा की आत्मा बताया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार 25 करोड़ भारतीय गरीबी की रेखा से ऊपर उठे, और किस प्रकार लोकतंत्र ने अपने भीतर वह क्षमता दिखाई है जो कभी असंभव मानी जाती थी। उनके शब्दों में तकनीक और परंपरा, संकल्प और संवेदना का संगम था। "भारत की आत्मा उसकी सभ्यता है, और उसकी शक्ति उसकी युवा चेतना।" उन्होंने आने वाले भारत की परिकल्पना रखी, एक ऐसा भारत जो 2047 में जब आज़ादी के 100 वर्ष मनाएगा, तो केवल एक विकसित राष्ट्र नहीं, बल्कि एक वैश्विक मार्गदर्शक के रूप में खड़ा होगा। आज 6 मई की रात, भारत के भविष्य की पूर्वपीठिका बन गई। अब भारत केवल जागा नहीं है, वह चल पड़ा है विश्वगुरु बनने की ओर, आत्मनिर्भरता के पथ पर, और सबसे बढ़कर, अपने स्वाभिमान के दीप से समस्त राष्ट्र को आलोकित करने की दिशा में।

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