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शनिवार, 3 मई 2025

500 वर्षों की परंपरा टूटी, बहराइच में इस बार नहीं लगेगा गाजी मियां मेला, जानिए क्यों ?

🔘 प्रशासन ने दी अनुमति देने से मना, पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा कारणों का हवाला

बहराइच (उत्तर प्रदेश)। गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल बहराइच में इस वर्ष एक ऐतिहासिक विराम लगा है। सैयद सालार मसूद गाज़ी, जिन्हें श्रद्धा से गाज़ी मियां कहा जाता है, की दरगाह पर लगने वाला मेला इस बार नहीं लगेगा। प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मेला आयोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
बताया जा रहा है कि यह मेला, जो सदियों से हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक रहा है, लगभग 500 वर्षों में पहली बार रुक रहा है। 15 मई से 15 जून तक चलने वाले इस मेले में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुँचते हैं।
सिटी मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर ने लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) की 12 पन्नों की रिपोर्ट के आधार पर अनुमति नहीं दी। रिपोर्ट में हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद देशभर में उपजे आक्रोश और संभावित विरोध प्रदर्शनों की आशंका जताई गई है। CO सिटी ने बयान दिया कि देश के हालात संवेदनशील हैं और किसी भी अप्रिय घटना से बचाव हेतु यह निर्णय लिया गया है। मेले की कमेटी द्वारा अनुमति की लगातार कोशिशें की गईं, लेकिन रिपोर्ट में कहा गया कि वर्तमान वातावरण में ऐसे विशाल जनसमूह वाले आयोजन पर रोक लगाना ही उचित होगा।
कुलमिलाकर इस निर्णय से जनमानस में जहाँ एक ओर निराशा है, वहीं सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या हमारी सांझी विरासत और परंपराएं अब राजनीतिक और सुरक्षा चिंताओं की बलि चढ़ेंगी?

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