लखीमपुर खीरी, 29 अप्रैल।
जब नेतृत्व के निर्णयों में संवेदना हो और दृष्टि में दूरदर्शिता, तब प्रशासनिक इमारतें केवल दफ्तर नहीं रहतीं वे मानवीयता की मिसाल बन जाती हैं। ऐसा ही एक दृश्य आज लखीमपुर खीरी के विकास भवन में देखने को मिला, जहां मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक कुमार की प्रेरणा से एक मेगा हेल्थ चेकअप कैंप का आयोजन हुआ।
यह कोई औपचारिक आयोजन मात्र नहीं था यह एक संदेश था, एक दृष्टिकोण था, एक नज़रिया था, जो कहता है कि "कर्मचारियों की सेहत, प्रशासन की ताक़त है।"
🔘 नेतृत्व जो प्रेरणा बन गया
शिविर की सबसे खास बात यह रही कि सीडीओ अभिषेक कुमार ने स्वयं सबसे पहले आगे बढ़कर स्वास्थ्य परीक्षण कराया। यह कोई औपचारिकता नहीं थी—यह एक मौन संदेश था कि नेतृत्व का पहला धर्म है– आगे बढ़कर उदाहरण देना।
विकास भवन के कर्मचारियों की आंखों में जो चमक थी, वह किसी दवा का असर नहीं, बल्कि उस आत्मिक विश्वास की थी जो प्रेरक नेतृत्व से उपजती है।
🔘 सेहत, सेवा और समर्पण का संगम
ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, लिवर फंक्शन जैसी महत्वपूर्ण जांचों के साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों ने प्रत्येक कर्मचारी को परामर्श व दवाएं भी दीं। यह दिन केवल शरीर की जांच का नहीं था, बल्कि मानसिक सुकून का भी था—एक अहसास कि “प्रशासनिक व्यवस्था में हम केवल कर्मचारी नहीं, एक सजीव इकाई हैं, जिनकी चिंता की जाती है।”
🔘 सीडीओ का संकल्प: स्वस्थ कर्मचारी, सशक्त प्रशासन
अपने संक्षिप्त पर गूंजते संबोधन में सीडीओ अभिषेक कुमार ने कहा, “एक स्वस्थ कर्मचारी न केवल अपना कर्तव्य बेहतर निभाता है, बल्कि जिले के समग्र विकास में भी ऊर्जा का संचार करता है। हम चाहते हैं कि हर कर्मी तन और मन से स्वस्थ हो।”
इस पुनीत पहल में पीडी एसएन चौरसिया, डीडीओ दिनकर विद्यार्थी, डीसी एनआरएलएम और डीसी मनरेगा ने भी स्वास्थ्य परीक्षण कराकर इस संदेश को और प्रबल किया कि सेहत और सेवा का रिश्ता अटूट है।
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