सभी अधिवक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि न्यायमूर्ति यशवन्त वर्मा के घर में मिली अनगिनत नगदी के परिप्रेक्ष्य में उनके विरुद्ध एक प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जाय ।
प्रयागराज पटना उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि पंच को हमेशा परमेश्वर कहा गया है और हम अपने न्यायमूर्ति को माय लार्ड' कहते हैं। प्रत्येक अधिवक्ता के अन्दर क्षमता होती है परन्तु आवश्यकता है उसको अपने अन्दर की क्षमता को पहचानने की।ग्वालियर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के अध्यक्ष पवन पाठक ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें न्यायपालिका को बचाने के लिए लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ेगी क्योंकि सरकार न्यायपालिका पर अपना कब्जा जमाना चाहती है। यदि संघर्ष नहीं किया गया तो आने वाले समय में न्यायपालिका का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।
तेलंगाना उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री एल एम जगन ने कहा कि हमें अपनी आवाज को बुलन्द करना होगा। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्तिगण के नियुक्ति के सन्दर्भ में बार एसोसिएशन की भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए जिससे प्रस्तावित न्यायमूर्ति के पद पर नियुक्त होने वाले व्यक्ति के विषय में, उसके आचार-विचार और व्यवहार कुशलता तथा अन्य जानकारी मिल सके जिस पर विचारोपरान्त ही उसका नाम प्रस्तावित किया जाना चाहिए। इसस पारदर्शिता बनी रहेगी।कार्यक्रम के दौरान अध्यक्ष अनिल तिवारी द्वारा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के 46 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अधिवक्ता सदस्यों एवं उनके परिवारीजनों को खुले मंच से सम्मानित किया गया।
उक्त कार्यक्रम में यह तय हुआ कि श्रृंखला की अगली नेशनल कांफ्रेंस कर्नाटक उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन, बैंगलौर की ओर से अध्यक्ष विवेक सुब्बा रेड्डी की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी और साथ ही साथ यह भी तय हुआ कि भारतवर्ष के समस्त हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का एक ट्रस्ट बनाया जाएगा जिसमें हर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष / सचिव को सदस्य बनाया जाएगा और उक्त ट्रस्ट के अध्यक्ष/सचिव रोटेशनवाइज बदलते रहेंगे। ट्रस्ट बनाने की शुरुआत गुजरात हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री त्रिवेदी बृजेश द्वारा की जा चुकी है।उपरोक्त समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए सभी की यह आम सहमति बनी कि इस कार्यक्रम की कार्यवाही को प्रस्ताव के रूप में स्वीकार किया जाय ।उक्त कार्यक्रम अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी तथा महासचिव विक्रान्त पाण्डेय के संयुक्त नेतृत्व में सर्वश्री राजेश खरे (वरिष्ठ उपाध्यक्ष), अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, अखिलेश कुमार मिश्र, सुभाष चन्द्र यादव, नीरज त्रिपाठी, श्रीमती नीलम शुक्ला (उपाध्यक्षगण ). सुमित कुमार श्रीवास्तव (संयुक्त सचिव प्रशासन) अभिजीत कुमार पाण्डेय (संयुक्त सचिव लाइब्रेरी) पुनीत कुमार शुक्ला (संयुक्त सचिव प्रेस), आँचल ओझा (संयुक्त सचिव महिला), रण विजय सिंह (कोषाध्यक्ष) उदिशा त्रिपाठी कु मनीषा सिंह, किरन सिंह. अभिषेक मिश्र, अवधेश कुमार मिश्र, अभिषेक तिवारी सच्चिदानंद यादव, दिनेश यादव, रत्नेश कुमार पाठक, राजेश शुक्ला, सर्वेश्वर लाल श्रीवास्तव, वेद प्रकाश ओझा, अमरनाथ त्रिपाठी, ब्रजेश कुमार सिंह सेंगर, कार्यकारिणी सदस्यगण सहित धर्मेन्द्र शुक्ला, सौरभ शुक्ला, सुबोध पाण्डेय आदित्य कुमार पाण्डेय, जगजीत सिंह यादव, अतुल त्रिपाठी, आर एस एस पाण्डेय, आशीष कुमार मिश्र (पूर्व कोषाध्यक्ष), डॉ सी पी उपाध्याय (पूर्व महासचिव क्रिमिनल बार), के के द्विवेदी, चन्दन शर्मा, राय साहब यादव, संतोष कुमार मिश्र (पूर्व संयुक्त सचिव प्रशासन) तथा हजारों की संख्या में अधिवक्ताओं की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
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