चीन अपनी रडार और मिसाइल रक्षा तकनीक को तेज़ी से विकसित कर रहा है, जो भारत की रणनीतिक मिसाइल क्षमताओं के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।अप्रैल में, चीन ने गोबी रेगिस्तान में 16 बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च कर अपने उन्नत रडार सिस्टम का प्रदर्शन किया। इसका उद्देश्य? एक ऐसे सिस्टम का परीक्षण करना जो असली वॉरहेड और नकली वॉरहेड में अंतर कर सके — जो हाइपरसोनिक मिसाइलों और MIRVs का मुकाबला करने के लिए बेहद जरूरी है।
चीन का नया लार्ज फेज़्ड एरे रडार युन्नान में स्थित है, जो भारत से केवल 2,200 किलोमीटर दूर है, और यह डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप (भारत का प्रमुख लॉन्च स्थल) से मिसाइल गतिविधियों की निगरानी कर सकता है। यह रडार, कोरला और शिनजियांग में मौजूद अन्य रडार के साथ मिलकर एक 360-डिग्री निगरानी नेटवर्क बनाता है, जिससे चीन को भारतीय मिसाइल लॉन्च की स्पष्ट जानकारी मिलती है।भारत अपने मिसाइल रक्षा सिस्टम को अश्विनी और स्वॉर्डफिश जैसे नए रडार सिस्टम से अपग्रेड कर रहा है।
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