हिंदु बच्चों को जल्द ही धनुर्विद्या सिखाएगा सेवा समर्पण संस्थान, पहली बैठक में सर्वसम्मति से लिए गए कई मुख्य निर्णय
गाजीपुर सेवा समर्पण संस्थान के नए सत्र में पहली बैठक का आयोजन किया गया। जहां बीते वर्ष भर की गतिविधियों की समीक्षा के साथ ही आय-व्यय का अनुमोदन व नए सत्र की योजनाओं पर विचार किया गया। जिसमें तय किया गया कि उत्थान फाउंडेशन में संचालित अवध बिहारी जी वनवासी छात्रावास में छात्र संख्या बढ़ाकर 30 किया जाय। साथ ही त्रैवार्षिक योजना के तहत जिले में चलने वाले एकल विद्यालयों को बढ़ाकर 6 करना तय किया गया। बताया कि सभी सदस्यों से 1 हजार रूपए की वार्षिक सदस्यता शुल्क 30 मई तक लेकर प्रांत को भेज दिया जाय। बैठक में पर्यावरण रक्षा दिवस, जनजाति गौरव दिवस, कल्याण आश्रम स्थापना दिवस, मकर संक्रांति आदि को विशेष रूप से मनाने का संकल्प लिया गया। इसके साथ ही सदस्य व सहयोगियों की संख्या को 51 से बढ़ाकर 101 करने की बात कही गई। इसके बाद सभी ने सामूहिक निर्णय लिया कि हिन्दू किशोरों को धर्म, देश, संस्कृति की शिक्षा देने के साथ ही स्वास्थ्य व युद्ध कौशल का प्रशिक्षण देने, अन्य धर्मावलम्बियों को हिन्दू धर्म की सहिष्णुता से परिचित कराने, धर्मांतरण रोकने, जनजाति समाज को आगे बढ़ाने, आपसी जात-पात व वैचारिक मतभेद को मिटाने के लिए कार्य किया जाएगा। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि संस्थान द्वारा नगर में बच्चों को धनुर्विद्या सिखाने का केंद्र शुरू किया जायेगा, जिससे हिन्दू समाज भी आत्मरक्षार्थ सबल व सक्षम बन सकेगा हो। इस केंद्र को खुलवाने की जिम्मेदारी सुधीर भारती व बद्रीश ने ली। इसके बाद सभी ने पहलगाम के आतंकवादी हमले में मारे गए निर्दोष पर्यटकों को श्रद्धांजलि दी और सरकार से सख्ती से मांग किया कि आतंकवादियों व उनके आका पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया जाये कि देश में दोबारा आतंकवादी हमला करने की कोई हिमाकत न कर सके। इसके बाद सभी सदस्यों ने चरमपंथी इस्लामिक व अन्य ताकतों से हिन्दू समाज व देश की सुरक्षा को लेकर अपने अपने विचार व्यक्त किये। अंत में संस्था के सचिव जितेंद्र नाथ सिंह के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की गई। बताया कि मुम्बई के हॉस्पिटल में उनका किडनी ट्रांसप्लांट किया गया है। इस मौके पर राजन जायसवाल, राकेश जायसवाल, वीरेंद्र चौहान, प्रभाकर त्रिपाठी, उमेश श्रीवास्तव, सुधीर सिंह, अजय सिंह, अभिषेक अग्रवाल, हृदय सिंह, हरिहर वनवासी, रामराज वनवासी, संजीव गुप्त आदि रहे।
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