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सोमवार, 17 मार्च 2025

पाकिस्तान के पांच टुकड़े तय: अजीत डोवाल की रणनीति और भारत की आक्रामक भूमिका

*पाकिस्तान की नीति और भारत की प्रतिक्रिया*

पाकिस्तान ने दशकों से भारत के खिलाफ आतंकवाद को एक रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। उसने कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा दिया, मुंबई हमला (26/11) कराया, पुलवामा जैसी घटनाओं को अंजाम दिया और लगातार भारत के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी की। लेकिन जब से भारत में राष्ट्रवादी सरकार सत्ता में आई है, तब से इस नीति को पूरी तरह पलट दिया गया है।
पहले भारत एक रक्षात्मक (Defensive) रुख अपनाता था, लेकिन अब अजीत डोवाल सिद्धांत (Doval Doctrine) के तहत भारत ने आक्रामक (Offensive) रणनीति अपना ली है। अब भारत सिर्फ आतंकवाद से बचाव ही नहीं कर रहा, बल्कि पाकिस्तान को उसी की ज़मीन पर सबक सिखा रहा है। यह परिवर्तन पाकिस्तान के संभावित विघटन को और तेज कर सकता है।

*भारत की आक्रामक नीति और पाकिस्तान के 5 संभावित टुकड़े*
1. *बलूचिस्तान: स्वतंत्र बलूच राष्ट्र का उदय*
• बलूचिस्तान लंबे समय से पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष कर रहा है।
• बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और बलूच रिपब्लिकन आर्मी (BRA) पाकिस्तान से अलग होने की लड़ाई लड़ रही हैं।
• पाकिस्तान बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रहा है, जिससे वहां असंतोष बढ़ रहा है।
• भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया, और अजीत डोवाल के नेतृत्व में भारत वहां रणनीतिक समर्थन दे सकता है।
2.*सिंध: सिंधुदेश आंदोलन को बढ़ावा*
• सिंध के लोग पाकिस्तान से अलग सिंधुदेश (Sindhudesh) बनाने की मांग कर रहे हैं।
• सिंध में MQM और अन्य गुट पाकिस्तान सरकार से नाराज हैं।
• भारत के समर्थन से सिंध में असंतोष बढ़ सकता है, जिससे यह क्षेत्र अलग हो सकता है।
3. *पश्तूनिस्तान पाकिस्तान से अलग होने की मांग*
• अफगानिस्तान खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र को अपना हिस्सा मानता है।
• पाकिस्तान की सेना ने यहां आतंकियों को शरण दी, जिससे यह क्षेत्र अस्थिर हो गया।
• भारत अफगानिस्तान के सहयोग से पश्तून राष्ट्रवाद को बढ़ावा देकर इस क्षेत्र को पाकिस्तान से अलग करने की रणनीति पर काम कर सकता है।
4. *पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) और गिलगित-बाल्टिस्तान आज़ादी की लहर*
• भारत ने अब POK को वापस लेने की खुली रणनीति बना ली है।
• गिलगित-बाल्टिस्तान में चीन की बढ़ती मौजूदगी के कारण लोग नाराज हैं।
• भारत इन क्षेत्रों में असंतोष को हवा देकर पाकिस्तान की सत्ता को कमजोर कर सकता है।
5. *पाकिस्तानी पंजाब (बचा हुआ पाकिस्तान या नया राष्ट्र)*
• अगर बाकी हिस्से पाकिस्तान से अलग हो जाते हैं, तो केवल पंजाबी बहुल क्षेत्र ही पाकिस्तान के रूप में बचा रहेगा।
• पाकिस्तानी सेना का गढ़ यही क्षेत्र है, लेकिन आर्थिक संकट और बढ़ते असंतोष से यहां भी विद्रोह संभव है।

*भारत की रणनीति,अजीत डोवाल की भूमिका*

1. *“ऑफेंसिव डिफेंस” रणनीति*
अजीत डोवाल की नीति रक्षात्मक से आक्रामक होने की है। यानी अब भारत आतंकवाद का सिर्फ जवाब ही नहीं देता, बल्कि पाकिस्तान के अंदर तक घुसकर उसे कमजोर करता है।
2. *आर्थिक मोर्चे पर वार*
• भारत ने पाकिस्तान को FATF (Financial Action Task Force) की ग्रे लिस्ट में बनाए रखने में भूमिका निभाई, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था और कमजोर हुई।
• CPEC (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) को अस्थिर करने के लिए बलूच विद्रोहियों को अप्रत्यक्ष समर्थन दिया जा सकता है।
3. *कूटनीतिक स्तर पर अलग-थलग करना*
• भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब किया है।
• कई देशों ने पाकिस्तान को “आतंकवाद समर्थक राज्य” माना है।
• अमेरिका और पश्चिमी देश अब पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने से कतराने लगे हैं।
4. *सैन्य दबाव*
• भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक (2016) और एयर स्ट्राइक (2019) कर पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि अब आतंकवाद का जवाब पाकिस्तान की धरती पर दिया जाएगा।
• LOC पर भारतीय सेना अब पहले से ज्यादा आक्रामक हो चुकी है।
*पाकिस्तान का पतन अवश्यंभावी*
• पाकिस्तान ने जो आतंकवाद के बीज बोए थे, अब वही उसके पतन की वजह बन रहे हैं।
• अजीत डोवाल की आक्रामक नीति और भारत की मजबूत सरकार पाकिस्तान को लगातार कमजोर कर रही है।
• पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली, जातीय संघर्ष और अंतरराष्ट्रीय अलगाव से उसके पांच टुकड़े होना लगभग तय है।
अब भारत “ईंट का जवाब पत्थर से” नहीं बल्कि “तूफान से” दे रहा है। पाकिस्तान ने जो आग बोई थी, अब वह उसी आग में जलने को मजबूर है।

*अनूप सिंह, ”संरक्षक, दैनिक जनजागरण न्यूज”*

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