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शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2025

मुख्यमंत्री का आदेश कब होगी कार्रवाई भू-माफिया से प्रशासन क्यों नहीं पूछ पा रहा है इसके पास इतनी जमीन कहां से आई?

भदोही ज्ञानपुर तहसील में मुख्यमंत्री के आदेश का पालन करने के बजाय माफियाओं का आदेश पारित हो रहा है। माफियाओं के निर्देश पर तहसील प्रशासन द्वारा कार्य किए जाने के कारण शिकायतकर्ताओं के प्रार्थना पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। सरकारी एवं किसानों की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले भू माफिया के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होने के कारण स्थानीय जनता में भारी रोष व्याप्त है।
लोगों का कहना है कि आए दिन मुख्यमंत्री जी लखनऊ प्रयागराज, गोरखपुर आदि में बैठके करके भू माफियाओ के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने का लगातार निर्देश दे रहे हैं। इन निर्देशों का अन्य जिलों में पालन हो रहा है। लेकिन ज्ञानपुर तहसील में मुख्यमंत्री का आदेश बेसर हो गया है और ज्ञानपुर तहसील में तो माफिया सरगना गिरोह का सदस्य रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा का राज चल रहा है। ज्ञानपुर तहसील में रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा ने बहुत बड़ा गिरोह बना लिया है। यह भोले वाले किसानों की जमीन पर अवैध कब्जा करता चला जा रहा हैं।मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद इस माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और न ही यहां मुख्यमंत्री के आदेश अमल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि भू-माफिया पर नकेल कसें। किसी भी सूरत में इनपर नरमी न बरतें। इसके साथ ही उन्होंने पहुंचे फरियादियों की समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री, लखनऊ,गोरखपुर, प्रयागराज में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। मुख्यमंत्री ने लोगों की समस्याएं सुनीं और अधिकारियों से 15 दिन के अंदर उनका समाधान कराने और फरियादियों को फोन कर फीडबैक लेने को कहा। जनता दर्शन में इस बार सबसे अधिक शिकायतें जमीन के कब्जे को लेकर थी। राजस्व और पुलिस से जुड़े मामलों को उन्होंने पूरी पारदर्शिता व निष्पक्षता के साथ निस्तारित करने का निर्देश देते हुए कहा कि किसी के साथ भी अन्याय नहीं होना चाहिए। यदि कोई किसी की भूमि पर जबरन कब्जा कर रहा हो तो उसे कानूनसम्मत सबक सिखाया जाए। मुख्यमंत्री फरियादियों की समस्याएं सुनते ही भू-माफिया से जमीन मुक्त के लिए जनता को आश्वासन दे रहे हैं। वहीं भदोही जिले के तहसील ज्ञानपुर के ग्राम सभा इटहरा के भू-माफिया रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा विरूद्ध सारे साक्ष्य होने के वावजूद अभी तक कोई कार्यवाही न होना ऐसा लगता है कि इस भू-माफिया के लिए मुख्यमंत्री को स्वयं ज्ञानपुर तहसील प्रशासन को जान कारी देंगे तभी कोई कार्यवाही हो पायेगा। मुख्यमंत्री के आदेश से क्या अछूता है ज्ञानपुर तहसील का प्रशासन? मुख्यमंत्री के आदेशानुसार कब खाली होगी माफियाओं के कब्जे की जमीन? दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन से कब हटेगा माफियाओं का कब्जा?न्याय की आस में भटक रहा है दिव्यांग दलित और सैकड़ो काश्तकार! ज्ञानपुर तहसील प्रशासन की लचर कार्य शैली से ज्ञानपुर तहसील में भूमाफियाओं का आतंकराज हो गया है।
देखते ही देखते भूमाफियाओं ने कब्जा कर ली बीसों बीघा जमीन!जमीन कब्जा करने वाले रिटायर लेखपाल के विरुद्ध कार्रवाई की मांग! ज्ञानपुर तहसील के किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री के आदेश से क्या ज्ञानपुर तहसील का प्रशासन अछूता है? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार घोषणा कर रहे हैं की भूमाफियाओं के कब्जे से जमीन मुक्त कराई जाएगी। वहीं दूसरी ओर माफियाओं के कब्जे से जमीन मुक्त कराए जाने के बजाय किसानों समेत दिव्यांग दलितों की जमीन परअवैध कब्जा किया जा रहा है। भदोही जनपद ज्ञानपुर तहसील में रिटायर लेखपाल व इसके सहयोगियों द्वारा मुख्यमंत्री के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
रिटायर लेखपाल क्षेत्र का चर्चित भूमिया बन चुका है और माफिया गिरोह के साथ मिलकर ये गिरोह करोड़ों करोड रुपए की जमीन इधर से उधर करने में लगा है।
प्रदेश की जनता को भ्रष्टाचार रहित स्वच्छ प्रशासन उपलब्ध कराए जाने हेतु योगी सरकार द्वारा रोज नई-नई घोषणाएं की जा रही हैं। किसानों और दलितों को स्वच्छ प्रशासन दिए जाने हेतु वे कटिबध है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री के आदेश को ज्ञानपुर तहसील में तैनात कानूनगो लेखपाल पलीता लगा रहे हैं। एक रिटायर्ड भूतपूर्व लेखपाल के द्वारा ज्ञानपुर तहसील में भूमाफिया माफिया के साथ मिलकर निर्दोष दलित किसानों की जमीन पर धुआंधार मनमर्जी से ये कब्जा कर लिया हैं। इनके कब्जे से भूमिकब मुक्त कराई जाएगी? यही सबसे बड़ा सवाल है।दिव्यांग दलित और ज्ञानपुर तहसील के सैकड़ो किसानों का कहना है कि लेखपाल और कानूनगो इंदू तिवारी एक रिटायर लेखपाल के साथ मिलकर सरकारी अभिलेखों में हेरा फेरी करते हुए सैकड़ो बीघा जमीन इधर से उधर कर चुके हैं। इन लोगों ने दिव्यांग दलित की जमीन मनमानी तरीके से दूसरे माफियाओं के नाम दर्ज कर दी।
दिव्यांग दलित मल्लू पिछले कई वर्षों से न्याय पाने की आस में दर-दर भटक रहा है। उसने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर जिलाधिकारी भदोही के यहां कई बार गुहार लगाई। लेकिन उसकी अर्जी पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। दिव्यांग दलित मल्लू का मुद्दा अब क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान ज्ञानपुर तहसील में जनता को न्याय नहीं मिलने के कारण लोगों का स्वच्छ प्रशासन पर से विश्वास उठता जा रहा है। इस मामले में निष्क्रियता के कारण ज्ञानपुर तहसील में भूमाफियाओं का गुंडाराज कायम हो गया है। यह जिसकी जमीन चाह रहे हैं। फर्जी अभिलेख तैयार करवा करके कब्जा कर ले रहे हैं। किसानों के एवं ग्राम की समाज की जमीनों को धड़ल्ले से प्राइवेट लोगों के नाम दर्ज कर रहा है। इस तरह के गोरखधंधे से हजारों करोड रुपए की भूमाफियाओं ने कमाई कर ली है और इस कमाई का हिस्सा ऊपर तक पहुंच जाने के कारण इन भूमाफियाओं और भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से जनता में भारी आक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना है कि अभी पिछले दिनों एक रिटायर लेखपाल ने दावा किया था कि ज्ञानपुर तहसील मैं जो चाहता हूं वही होता है और हमारे इशारे पर सब नचाते हैं। तहसील में चारों ओर इस बात की चर्चा होने के बावजूद इस तरह का भ्रामक दावा करने वाले लेखपाल और कानूनगो इंदु तिवारी के विरुद्ध अभी तक कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण ऐसा प्रतीत हो रहा है कि रिटायर लेखपाल जो कि क्षेत्र का एक चर्चित भूमि माफिया बन चुका है और लेखपाल सर्वेश शुक्ला कानूनगो इंदू तिवारी ने एसडीएम को खरीद लेने का जो दावा किया है। वह दावा सच होता दिखाई दे रहा है। विजय मिश्रा गिरोह से जुड़े भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मामले में ज्ञानपुर तहसील प्रशासन की संदिग्ध कार्य शैली के कारण यह इस बात की पुष्टि होने लगी है कि घुमा फिरा कर मामले की तह में जाने और सही जांच करने की बजाय उससे मिले हैं। इसी वजह से करोड़ों करोड रुपए की हेरा फेरी करने वाले लेखपाल और कानूनगो इंदू तिवारी के विरुद्ध निलंबन, भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय इन्हें संरक्षण देने में लगे हैं।बेचारा दिव्यांग दलित मल्लू ठोकरे खाता जगह-जगह फिर रहा है। तहसील की चौखट पर उसे न्याय नहीं मिला। तो वह डीएम से लेकर उच्च अधिकारियों तक गया। लेकिन एक दिव्यांग दलित को न्याय नहीं मिल पाने के कारण योगी सरकार की प्रतिष्ठा मिट्टी में मिल रही है। रिटायर लेखपाल कानूनगो और अन्य संबंधी अधिकारियों के खिलाफ यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो आगे चलकर बहुत भीषण स्थिति उत्पन्न हो सकती है।ज्ञानपुर तहसील भ्रष्टाचार का अखाड़ा बन गया है। जनपद के चर्चित भू-माफिया, माफिया सरगना गिरोह के साथ मिलकर यह लोग कूट दस्तावेज तैयार करके तहसील की जमीन इधर से उधर कर रहे हैं। जिस आदमी के पास कुछ दिनों पहले दस बिस्वा जमीन थी। आज वह माफियागर्दी के बल पर बीसों बीघा जमीन का मालिक बन चुका है। ऐसे भूमिया के खिलाफ कब ठोस कार्रवाई होगी। उसके कब्जे से जमीन कब खाली कराई जाएगी? मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल कब होगा? यही सवाल ज्ञानपुर तहसील के कोने-कोने में गूंज रहा है!
लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी ने आदित्यनाथ जिस तरह की माफियाओं के कब्जे से भूमि को मुक्त कराए जाने की बात कर रहे हैं। भदोही जिले के जिलाधिकारी को उस पर अमल करते हुए ज्ञानपुर तहसील में इटहरा में सरकारी एवं दिव्यांग दलित मल्लू समेत अन्य का किसानों की जमीन जिस पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर दिया है। उसे मुक्त कराया जाए तथा किसानों की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले रिटायर लेखपाल, इसके सहयोगी कानूनगो इंदु तिवारी एवं लेखपाल आदि के विरुद्ध तत्काल सख्त कार्रवाई नहीं किया जाए।

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