महाकुम्भ 2025 जिसके कुल देवता हैं वेणी माधव, रक्षक हैं लेटे हुए बड़े हनुमान जी, जहां सरस्वती बहती हैं कूप में और सदियों के इतिहास का साक्षी है अक्षयवट” उस प्रयागराज में वसंत पंचमी पर महाकुंभ का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान जारी है। हाथों में तलवार-गदा, डमरू और शंख। शरीर पर भभूत। आंखों पर काला चश्मा। घोड़े और रथ की सवारी। हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए साधु-संत स्नान के लिए संगम पहुंचे। सबसे पहले पंचायती निरंजनी अखाड़े के संत संगम पहुंचे। फिर सबसे बड़े जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़े ने अमृत स्नान किया। एक-एक करके 13 अखाड़ों ने स्नान किया।धर्म, संस्कृति और आस्था के महापर्व ‘महाकुम्भ 2025’ में संतों का उत्साह देखते ही बन रहा है। पूज्य संतों की उपस्थिति से महाकुम्भ नगर का वातावरण और भी भक्तिमय हो गया है।
प्रयागराज में भव्य महाकुंभ का आयोजन जारी है। अब तक 35 करोड़ से भी ज्यादा लोग महाकुंभ पहुंचकर गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुके हैं। बसंत पंचमी के दिन महाकुंभ के अमृत स्नान को लेकर प्रयागराज में काफी भीड़ देखने को मिली है।
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