भारत में इस साल कोविड-19 वैश्विक महामारी के पांच साल पूरे हो रहे हैं, मगर चीन और मलेशिया में फैली फ्लू जैसी एक अन्य बीमारी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है। देश में आज एचएमपीवी के 5 नए मामले सामने आए। इनमें से 2 मामले कर्नाटक में, 2 तमिलनाडु में और 1 गुजरात में मिले हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने आश्वस्त किया है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है।चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) तेजी से फैल रहा है और अब यह वायरस भारत में भी पैर पसारने लगा है। देश में अब तक इस वायरस के पांच मामले सामने आ चुके हैं। इसके मद्देनजर कई राज्यों ने अलर्ट जारी कर दिया है और स्वास्थ्य विभाग इससे संबंधित सतर्कता बढ़ाने के प्रयासों में जुटा है।
बेंगलुरु में दो मामलों के बाद गुजरात के अहमदाबाद में भी 2 महीने के एक बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। साथ ही तमिलनाडु में भी दो बच्चों में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई है। इसमें से एक चेन्नई का मामला है तो दूसरा सलेम जिले का। सरकार ने बताया कि दोनों की स्थिति स्थिर है और दोनों पर निगरानी रखी जा रही है।
सामान्य जुकाम की तरह एचएमपीवी एक वायरल श्वसन संबंधी संक्रमण है जो सभी उम्र के लोगों को हो सकता है। यह पैरामाइक्सोविरिडे परिवार से संबंधित है और ‘रेस्पिरेटरी सिंकाइटियलवायरस’ (आरएसवी) से निकटता से संबंधित है।
एचएमपीवी खांसने या छींकने से निकलने वाली सांस की बूंदों के साथ-साथ दूषित सतहों को छूने या संक्रमित व्यक्तियों के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। यह विशेष रूप से शिशुओं, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में वायरस श्वसन संबंधी मामूली परेशानी से लेकर गंभीर जटिलता से जुड़ी बीमारियों तक का कारण माना जाता है। यह भारत समेत पूरी दुनिया में पाया जाता है और समशीतोष्ण क्षेत्रों में सर्दियों के उत्तरार्ध और वसंत की शुरुआत के दौरान चरम पर होता है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में यह साल भर सक्रिय रहता है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले सामने आने के बाद कहा कि सरकार इस स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और इसको लेकर किसी भी प्रकार की चिंता की बात नहीं है। उन्होंने बताया कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है और देश में सामान्य श्वसन वायरस में कोई अप्रत्याशित वृद्धि नहीं देखी गई है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले 2001 में इस वायरस की पहचान हुई थी और यह तभी से पूरी दुनिया में फैल रहा है। इसका मतलब साफ है कि इस वायरस के वैश्विक महामारी में बदलने की संभावना कम है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले 2001 में इस वायरस की पहचान हुई थी और यह तभी से पूरी दुनिया में फैल रहा है। इसका मतलब साफ है कि इस वायरस के वैश्विक महामारी में बदलने की संभावना कम है।सरकार ने उस समय यह भी कहा था कि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत के लिए कोई नया संक्रमण नहीं है। चीन के आधार पर अपने यहां स्थिति का आकलन करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले सप्ताह बुलाई संयुक्त निगरानी समूह की बैठक में कहा था कि सरकार हालात पर हर दृष्टिकोण से नजर रख रही है। बैठक में समूह ने एचएमपीवी की जांच के लिए प्रयोगशालाओं में वृद्धि किए जाने की सिफारिश की थी, ताकि पूरे साल इस संक्रमण के मामलों पर नजर रखी जा सके।
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