प्रयागराज मंडल रेल प्रबंधक/प्रयागराज श्री हिमांशु बडोनी की अध्ययक्षता में मंडल राजभाषा कार्यान्व्यन समिति की बैठक आयोजित की गयी । मण्डल रेल प्रबंधक श्री हिमांशु बडोनी ने बैठक में राजभाषा विभाग द्वारा मण्डल में किए गए कार्यों की समीक्षा की । इस बैठक में अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं अपर मंडल रेल प्रबंधक/इन्फ्रा. श्री नवीन प्रकाश भी उपस्थित थे ।
मंडल रेल प्रबंधक ने बैठक में संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की राजभाषा नीतियों का अनुपालन कराना हमारा संवैधानिक दायित्व है। प्रयागराज मंडल के कामकाज में नियमित हिंदी का प्रयोग हो रहा है और सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हमें और प्रयास करने की आवश्यकता है । बैठक के प्रारंभ में प्रयागराज मंडल के अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं अपर मंडल रेल प्रबंधक/इन्फ्रा. श्री नवीन प्रकाश ने मंडल पर हिंदी के प्रयोग एवं प्रसार को बढ़ाने के संबंध में किए गए कार्यों से समिति को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मंडल में नियमित रूप से कंप्यूटर पर हिंदी कुंजीयन कार्यशालाओं का आयोजन कर कर्मचारियों को कंप्यूटर पर हिंदी में कार्य करने का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है तथा महत्वपूर्ण स्टेशनों और कार्यालयों का नियमित रूप से निरीक्षण कर राजभाषा हिंदी का प्रयोग बढ़ाया जा रहा है।
राजभाषा अधिनियम की धारा 3(3) के अंतर्गत आने वाले सभी कागजात हिंदी-अंग्रेजी द्विभाषी रूप में जारी किए जाने अनिवार्य हैं। आप सभी अपने-अपने कार्यालयों में राजभाषा नीति का समुचित अनुपालन सुनिश्चित कराएं और प्रयागराज मंडल को राजभाषा हिंदी के प्रयोग के क्षेत्र में उच्चतर बनायें । सभी कार्यालय अपने यहां जारी होने वाले पत्रों को हिंदी में ही जारी करें तथा छोटे छोटे प्रयास कर जैसे हस्ताक्षर व अपने पदनाम आदि हिंदी में लिखें । मंडल रेल प्रबंधक ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने निरीक्षणों के दौरान राजभाषा प्रगति का भी निरीक्षण करना सुनिश्चित करें और कार्यालय में राजभाषा के प्रयोग व प्रसार की स्थिति का निरीक्षण अवश्य करें। उन्होंने समिति को संबोधित करते हुए कहा जब आप सभी अपना अधिक से अधिक कार्य हिंदी में करेंगे तो आपके अधीन कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारी इससे प्रोत्सासहित होंगे और राजभाषा हिंदी के प्रयोग में वृद्धि होगी।इस बैठक में समिति के सदस्यों ने अपने-अपने शाखाओं में राजभाषा हिंदी की प्रगति के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया तथा हिंदी के प्रगामी प्रयोग हेतु कई सुझाव भी दिए।
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