लखीमपुर-खीरी। अखिल भारतीय श्री राम नाम जागरण मंच के तत्वावधान और श्री राम परिवार मित्र मंडली के सहयोग से विलोबी मैदान में आयोजित श्री राम कथा अमृत महोत्सव में श्रद्धा और भक्ति का अनुपम दृश्य देखने को मिला। कथा व्यास पंडित शशि शेखर जी महाराज ने भगवान श्री राम के जीवन के प्रमुख प्रसंगों का वृतांत प्रस्तुत किया।
श्री राम के राज्याभिषेक और वनवास की कथा सुनाते हुए महाराज जी ने भगवान श्री राम के त्याग, धर्म और आदर्शों का ऐसा मार्मिक चित्रण किया कि पंडाल में बैठे श्रद्धालु अपने आंसू नहीं रोक सके। कथा के दौरान महाराज जी ने कहा, "श्री राम का वनवास केवल एक राजकीय आदेश नहीं था, बल्कि धर्म की स्थापना के लिए किया गया त्याग था। उनके चरित्र में हम प्रेम, सत्य और समर्पण की शिक्षा पाते हैं।"
कथा में वर्णित भगवान राम और माता सीता के अयोध्या छोड़ने का प्रसंग सुनकर श्रद्धालुओं का मन भावुक हो गया। पंडित जी ने माता कैकेयी के कठोर निर्णय, राजा दशरथ की व्यथा और लक्ष्मण के भाई प्रेम का भी विस्तार से वर्णन किया। कथा के दौरान भजन और प्रवचन ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
श्रद्धालु दीप प्रज्ज्वलित कर और फूलों से भगवान श्री राम की आरती कर रहे थे। विलोबी मैदान में हर दिन बड़ी संख्या में लोग कथा सुनने पहुंच रहे हैं। आयोजकों ने बताया कि श्री राम कथा अमृत महोत्सव 3 जनवरी तक चलेगा, जिसमें हर दिन भगवान राम के जीवन के अलग-अलग प्रसंगों का वर्णन किया जाएगा।
महोत्सव स्थल को भव्य रूप से सजाया गया है। सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण और धर्मिक पुस्तकों का भी प्रबंध है। आयोजकों ने सभी भक्तों से महोत्सव में शामिल होकर धर्म और भक्ति का लाभ उठाने की अपील की है।
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