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बुधवार, 18 दिसंबर 2024

गुरुकुल के कारण ही श्रीराम चंद्र सभी भाइयों के साथ गए थे गुरुकुल .आचार्य शांतनु जी महाराज

मऊ रामायणम फाउंडेशन के तत्वावधान में मऊ नगर के सोनीधापा बालिका विद्यालय के जीवन राम छात्रावास  में  आयोजित श्रीराम  कथा के अनंतर परम पूज्य आचार्य श्री शांतनु जी महाराज ने संस्कारों का बखान करते हुए कहा कि नामकरण संस्कार वैदिक रीति से करना चाहिए ।अजामिल द्वारा अपने पुत्र का नाम नारायण रख देने के कारण वह भव सागर से तर कर मुक्त हो गया।आज वर्तमान में हम सब पाश्चात्य सभ्यता का अनुकरण कर बिना अर्थ के बेटे और बेटियो का नाम रखते है । गुरुकुल के बंद हो जाने से भी हिंदू सभ्यता समाप्त हो रही है । श्री शांतनु  जी महाराज ने कहा कि गुरुकुल पद्धति के कारण ही श्री राम चंद्र जी सभी भाइयों के शिक्षा ग्रहण करने गुरुकुल में गए ।श्री शांतनु महाराज ने कहा कि अहिल्या को ऋषि के द्वारा दिया गया  श्राप भी भगवान राम के चरण रज से मुक्त होकर वरदान बन गया ।सदगुरु के सत्संग से मनुष्य में सद्गुण आते हैं और आसुरी शक्तियों का नाश हो जाता है ।गुरु जी महाराज ने कहा कि काम क्रोध मद और लोभ के कारण ही मनुष्य के अंदर आंसुरी शक्तियां आती है इस लिए इनका परित्याग करना चाहिए।इस अवसर पर पूज्य संत ने जनपद में श्री सुंदर काण्ड पाठ को घर घर पहुंचाने वाली संस्था श्री हनुमत कृपा सेवा समिति के श्री सुंदर काण्ड पाठ परिवार को श्री राम नाम का पटका तथा श्री राम चंद्र का स्मृति चिन्ह  डॉक्टर रामगोपाल गुप्त और  दिनेश बरनवाल को देकर आशीर्वाद दिया ।इस अवसर पर मुख्य रूप से आनंद गुप्ता उमेश चंद पांडेय शशिभूषण सिंह अंकित बरनवाल  सौरभ बरनवाल दीपू सिंह  दिलीप कुमार पांडेय विवेक मद्धेशिया संदीप सिंह प्रशांत कुमार  समेत बड़ी संख्या में श्रोताओ ने कथा का श्रवण किया। ।

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