कुछ लाख की भांग बेचने वाले ठेकेदार करोड़ो में लेते हैं दुकान का ठेका, सब कुछ जानते हुए भांग ठेकेदारों के गुनाहों को अफसर नहीं करना चाहते बेनकाब
कौशाम्बी भांग के ठेकेदार के कारनामों पर एसटीएफ से लेकर आबकारी विभाग पुलिस अधिकारी और शासन प्रशासन के बड़े अधिकारियों ने कभी जांच कर इनके चेहरे को बेनकाब करने की कोशिश नहीं की है जबकि हकीकत यह है कि कुछ लाख रुपए की पूरे साल में भांग बेचने वाले भांग ठेकेदार दुकान की नीलामी में करोड़ों रुपए का ठेका आबकारी विभाग से लेते हैं और कुछ लाख की भांग खरीद कर बेचकर करोड़ों रुपए का राजस्व भी आबकारी विभाग को प्रत्येक वर्ष भांग ठेकेदार जमा कर देते हैं सवाल उठता है कि कुछ लाख की भांग खरीदने और बेचने वाले भांग ठेकेदारों के पास करोड़ों रुपए प्रत्येक वर्ष किस व्यवसाय से आ रहा है और वह कुछ लाख की भांग बेचकर करोड़ों रुपए का आबकारी को राजस्व क्यों देते हैं इसके पीछे उनकी मंशा क्या है उनकी कमाई का धंधा क्या है वह कौन से ऐसे व्यापार में लगे हैं जिससे उनके पास इतनी दौलत आती है कि करोड़ों रुपए का राजस्व वह सरकार को प्रति वर्ष खुशी-खुशी दे देते हैं लेकिन इस तरह के तमाम अनसुलझे सवालों को खोजने की कोशिश एसटीएफ से लेकर पुलिस अधिकारी जिला अधिकारी और शासन में बैठे-बैठे बड़े-बड़े अधिकारियों ने नहीं की है यदि आबकारी विभाग के भाँग ठेकेदारों के कुछ लाख के भाग बेचने के बाद करोड़ों के राजस्व सरकार को दिए जाने के मामले की बिन्दुवार सूक्ष्म जांच कराई जाए तो जहां भांग ठेकेदार सलाखों के पीछे होंगे वही आबकारी अधिकारी अवैध कार्यों को संरक्षण देने के आरोप में गिरफ्तार होंगे जेल जाएंगे मुकदमा दर्ज होगा बर्खास्त भी होंगे लेकिन इतने बड़े मामले पर अधिकारी जुबान खोलने को तैयार नहीं है और बीते 40 वर्षों से यह खेल बेखौफ तरीके से भांग की दुकान का ठेका लेने वाले ठेकेदार बेशुमार राजस्व की अदायगी करते आ रहे हैं फिर भी उनकी हैसियत दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रही है देखते-देखते लग्जरी वाहन आलीशान बंगला कोठी के मालिक यह बन गए हैं शान शौकत बदल गए हैं राजा महाराजा और नवाब की तरह यह दिखाई पड़ने लगे हैं लेकिन उसके बाद भांग ठेकेदारों के कारनामों पर शासन प्रशासन की नजर नहीं पहुंच रही है या फिर सब कुछ जानते हुए भांग ठेकेदारों के गुनाहों को अफसर बेनकाब नहीं करना चाहते हैं यह बड़ी जन चर्चा का विषय बना हुआ है कौशांबी भांग का ठेका चलाने के आड़ में तमाम तरह के व्यवसाय करने वाले यह भाँग ठेकेदार समाज में खुद विधायक और मंत्री के नाम से संबोधन पाते हैं यह भांग ठेकेदार कभी जनता के बीच चुनाव लड़कर विधायक मंत्री नहीं बने हैं लेकिन उनके व्यवसाय में लगे अन्य लोगों ने इन्हें विधायक मंत्री कहकर संबोधन शुरू कर दिया जिससे इनका रुतबा समाज और अफसर के बीच बना रहे और उनके जायज नाजायज कार्यों पर हस्तक्षेप ना हो सके भांग के धंधे से जुड़े लोग इन्हें विधायक और मंत्री के नाम से संबोधित कर इनका रुतबा बढ़ाने में लगे हैं
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