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बुधवार, 20 नवंबर 2024

लखनऊ : मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित कुकरैल नाइट सफारी पार्क एवं जू के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया

 उ0प्र0 देश को पहली नाइट सफारी का उपहार देगा, निर्माण कार्य हर हाल में जून, 2026 तक पूरा किया जाए: मुख्यमंत्री

यह दुनिया की पांचवीं नाइट सफारी; नाइट व डे सफारी का निर्माण चरणबद्ध रूप से हो, लखनऊ में यह लगभग 900 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैली होगी

नाइट सफारी व जू के लिए वन्य जीवों को लाने की समुचित व्यवस्था की जाए

72 प्रतिशत एरिया में ग्रीनरी विकसित की जाए, सौर ऊर्जा के प्रकल्पों को स्थान दें

कुकरैल नाइट सफारी में ईको टूरिज्म जोन, क्वारंटीन सेंटर, वेटनरी हॉस्पिटल, पोस्ट ऑपरेशन व ऑपरेशन थियेटर, कैफेटेरिया, 7-डी थियेटर, ऑडिटोरियम, पार्किंग आदि की समुचित व्यवस्था हो

लखनऊ: 19 नवम्बर, 2024

मुख्यमंत्री  ने कहा कि दिसम्बर, 2026 में उत्तर प्रदेश देश को पहली नाइट सफारी का उपहार देगा। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बनने जा रही यह नाइट सफारी देश और दुनिया के प्रकृति प्रेमियों के लिए एक नया गन्तव्य होगा। यह दुनिया की पांचवीं नाइट सफारी होगी। 
मुख्यमंत्री के समक्ष आज यहां उनके सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रस्तावित कुकरैल नाइट सफारी पार्क एवं जू का प्रस्तुतिकरण किया गया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निर्माण कार्य हर हाल में जून, 2026 तक पूरा कर लिया जाए। नाइट सफारी व जू के लिए वन्य जीवों को लाने की समुचित व्यवस्था प्रारम्भ कर दी जाए। नाइट सफारी व जू की इकोनाॅमी के लिए सस्टेनेबल मॉडल विकसित किया जाए। 72 प्रतिशत एरिया में ग्रीनरी विकसित की जाए और यहां सौर ऊर्जा के प्रकल्पों को भी स्थान दिया जाए। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि नाइट सफारी प्रोजेक्ट राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसके निर्माण के लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, नई दिल्ली से अनुमति प्राप्त हो गई है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश को दिसम्बर, 2026 में देश को पहली नाइट सफारी का उपहार मिल जाए। नाइट व डे सफारी का निर्माण चरणबद्ध रूप से होगा। लखनऊ में यह लगभग 900 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैली होगी। 
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुकरैल नाइट सफारी का निर्माण हो जाने के पश्चात यह परियोजना अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर आ जाने के फलस्वरूप विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करेगी। कुकरैल नाइट सफारी परियोजना को लखनऊ स्थित अन्य पर्यटक स्थलों से भी जोड़ा जाएगा। नाइट सफारी के 72 प्रतिशत एरिया को ग्रीनरी में विकसित किया जाए। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि जानवरों को चिन्हित करने, यहां लाने व क्वारंटीन की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जाए। कुकरैल नाइट सफारी परियोजना के अंतर्गत ईको टूरिज्म जोन भी विकसित किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिये कि यहां क्वारंटीन सेंटर, वेटनरी हॉस्पिटल, पोस्ट ऑपरेशन व ऑपरेशन थियेटर की समुचित व्यवस्था हो। यहां कैफेटेरिया, 7-डी थियेटर, ऑडिटोरियम, पार्किंग आदि की भी सुविधा हो। एडवेंचर जोन के तहत सुपरमैन जिपलाइन, आर्चरी, जिप लाइन, बर्मा ब्रिज, पैडल बोट, स्काई रोलर, फाउण्टेन, किड्स एक्टिविटी के लिए जंगल एनिमल थीम, स्काई साइकिल आदि विकसित किये जाएं। डे सफारी का विस्तार दूसरे चरण में होगा। 
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान तथा जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  अरुण कुमार सक्सेना सहित शासन व वन विभाग के अधिकारी मौजूद थे। 
ज्ञातव्य है कि नाइट सफारी क्षेत्र में इण्डियन वॉकिंग ट्रे, इण्डियन फुटहिल, इण्डियन वेटलैण्ड, एरिड इण्डिया व अफ्रीकन वेटलैण्ड की थीम पर विकसित किए जाने वाले क्षेत्र मुख्य आकर्षण होंगे। पर्यटकों द्वारा नाइट सफारी पार्क के अवलोकन हेतु 5.5 किमी0 ट्राॅम-वे तथा 1.92 किमी0 का पाथ-वे निर्मित किया जाएगा। नाइट सफारी में मुख्यतः एशियाटिक लायन, घड़ियाल, बंगाल टाइगर, उड़न गिलहरी, तेंदुआ, हायना आदि मुख्य आकर्षण होंगे। कुकरैल नाइट सफारी परियोजना के अंतर्गत विश्व स्तरीय वन्य जीव चिकित्सालय व रेस्क्यू सेंटर का निर्माण भी प्रस्तावित है। कुकरैल वन क्षेत्र में स्थापित होने वाले जू में कुल 63 इनक्लोजर बनाए जाएंगे। जू में सारस क्रेन, स्वाॅम्प डियर, हिमालयन भालू, साउथ अफ्रीकन जिराफ, अफ्रीकन लायन व चिंपैन्जी मुख्य आकर्षण होंगे। जू को अफ्रीकन सवाना, इनक्रेडिबल इण्डिया, इंजीनियर्ड वेटलैण्ड नामक थीम क्षेत्रों पर विकसित किया जाएगा।

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