गंगाजल लेकर खाई थी कसम फंड नहीं मिला तो बीजेपी विधायक ने पुश्तैनी जमीन बेचकर छठपूजा के लिए बनवाया छठतालाब.
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई का बैकुंठ धाम का सूर्यकुंड तालाब इस बार छठ पूजा के लिए पूरी तरह तैयार है। अब बैकुंठधाम तालाब न सिर्फ छठ पूजा, तीज नहावन सहित दूसरे तिहार परंपराओं के निर्वहन के लिए उपयोग में आएगा। यह सब कुछ मुमकिन हुआ है एक शपथ के कारण दरअसल चुनाव के वक्त वैशाली नगर से बीजेपी उम्मीदवार राकेश सेन ने गंगाजल लेकर कसम खाई थी कि अगर विधायक बन गया तो तालाब को विस्तृत निर्माण और सौंदर्यीकरण करूंगा ताकि छठ पूजा के लिए किसी को कोई दिक्कत ना हो।
पूरा मामला ऐसा है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने वैशाली नगर से पार्षद रिकेश सेन को प्रत्याशी बनाया. इसी दौरान बैकुंठ धाम में एक चुनावी सभा के दौरान गोरखपुर के सांसद व भोजपुरी अभिनेता रवि किशन की आमसभा में निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र अरोरा ने सूर्य कुंड तालाब को विकसित और बेहतर स्वरूप दिलाने अपने जीवन के एक बड़े स्वप्न की चर्चा करते हुए बताया कि कई वर्षो से लंबित यही कार्य सबसे बड़ा जरूरी है।फिर क्या उनकी बात पर बीजेपी प्रत्याशी रिकेश सेन ने गंगा जल लेकर अधूरे बने सूर्य कुंड तालाब निर्माण को बेहतर बनवाने की कसम ले ली थी. उसके बाद चुनाव संपन्न हुए और दिसंबर 2023 में रीकेश सेन चुनाव जीत कर वैशाली नगर से बीजेपी के विधायक बने।उन्होंने तत्काल निगम व जिला प्रशासन के अधिकारियों से सूर्य कुंड तालाब बनवाने पहल की तो पता लगा कि तालाब निर्माण में कोई भी शासकीय फंड नहीं दिया जा सकता. तमाम तकनीकी परेशानियां हमेशा की तरह इस संकल्प में भी थी. तब विधायक रिकेश सेन ने गंगाजल की कसम का हवाला देते हुए अपने गांव की 90 लाख की पैतृक जमीन बेच दी. उसके बाद लोगो के सहयोग और प्रयास से शुरू हुआ बैकुंठ धाम के सूर्यकुंड तालाब का काम।पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडे तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की धर्मपत्नी वीणा सिंह ने 20 अगस्त 2004 को भूमिपूजन कर काम शुरू करवाया, लेकिन कार्य प्रारंभ होते ही विपक्ष की राजनीतिक हठधर्मिता के चलते कुछ जनप्रतिनिधि हाईकोर्ट से स्टे ले आए और काम रोकना पड़ा. इसके बाद जब जब सूर्य कुंड निर्माण की बात आई कोई न कोई आपत्ति अड़चन-बाधक बनी। वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने बताया कि गंगाजल की कसम लेने के बाद सूर्यकुण्ड मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट बना. फंड न होने के बाद भी हमने 90 लाख की जमीन बेचा और इसके बाद सहयोग करने वाले लगातार मिलते जा रहे हैं. अब तक डेढ़ करोड़ रुपये तालाब के निर्माण में लग चुका है और लगभग 60 फीसदी सौंदर्यीकरण कार्य के बाद ही यह तालाब भव्य रूप ले चुका है. छठ पूजा के बाद इसका बचा हुआ कार्य होगा और बहुत जल्द सूर्य कुंड तालाब वैशाली नगर की एक अलग पहचान बनेगा।विधायक रिकेश सेन ने बताया कि बैकुंठ धाम के सूर्य कुंड में अब मां गंगा सहित 51 पवित्र नदियों का जल समाहित कर सूर्य कुंड तालाब को वास्तविक स्वरूप दिया जा रहा है. पिछले छः महीने से पवित्र 51 नदियों का जल एकत्रीकरण किया जा रहा था।गंगा नदी, ब्यास नदी, सुवर्णमुखी नदी, कर्णावती नदी, यमुना नदी, इंद्रावती नदी, कूनो नदी, बागमती नदी, ब्रह्मपुत्र नदी, शिवनाथ नदी, पंचगंगा नदी, भागीरथी नदी, हसदेव नदी, कावेरी नदी, साबरमती नदी, गोदावरी नदी, तुंगभद्रा नदी, सरयू नदी सहित भारतवर्ष की पवित्र 51 नदियों का जल कुंड में मिला कर कलश कुंड यात्रा निकाली गई।सूर्यकुण्ड तट पर भगवान सूर्य का अभिषेक और गंगा आरती के साथ नदियों का पवित्र जल सूर्यकुण्ड में समाहित किया. बीजेपी विधायक ने कहा कि पिछले 20 सालों में कई जनप्रतिनिधि अलग-अलग पदों पर आए. फिर भी सूर्यकुण्ड तालाब का निर्माण कभी नहीं हो पाया क्योंकि इच्छाशक्ति की कमी थी और कहीं न कहीं कानूनी अड़चन भी रही. कसम खाने के बाद भी लोग विश्वास नहीं करते थे कि कभी यह तालाब बन पायेगा. मैं हिंदू हूं और गंगाजल की कसम मैंने खाई थी कि तालाब को बनाना है. विधायक बनते ही पहले दिन से ही यह मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है।
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