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रविवार, 17 नवंबर 2024

लखनऊ कनेक्शन-वर्ल्डवाइड ग्रुप की सालाना पिकनिक का भव्य आयोजन

लखनऊ, 17 नवंबर 2024: लखनऊ कनेक्शन-वर्ल्डवाइड (LCWW) ग्रुप ने अपनी बहुप्रतीक्षित सालाना पिकनिक का आयोजन बक्शी का तालाब के निकट मंझी घाट पर स्थित एक सुरम्य आमों के बाग में किया। इस आयोजन में ग्रुप के लगभग सवा सौ सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और इसे एक यादगार अनुभव बना दिया।

मुख्य अतिथि की प्रेरणादायक उपस्थिति
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, एसआर ग्रुप के चेयरमैन और सीतापुर से एमएलसी श्री पवन सिंह चौहान ने अपने प्रेरक विचार साझा करते हुए कहा, “सोशल मीडिया एक ज्ञान का खजाना है, इसके सकारात्मक पहलुओं को समझने और प्रयोग में लाने से समाज के लिए बहुत हितकारी कार्यों को बढावा दिया जा सकता है"। उन्होंनें जल और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देने  का भी आव्हान किया।

LCWW के संस्थापक सुनील मिश्रा का कहना है, “यह मंच केवल एक समूह नहीं, बल्कि दिलों को जोड़ने वाला एक सेतु है, जहां संस्कार, संस्कृति, और सामूहिकता का संगम होता है।”

इस आयोजन की रूपरेखा कनाडा स्थित वरिष्ठ एडमिन श्री अनिल शुक्ला और सऊदी अरब स्थित वरिष्ठ एडमिन श्री शोएब कुरैशी के कुशल मार्गदर्शन में तैयार की गई। उनकी दूरदृष्टि और समर्पण ने इस आयोजन को शानदार सफलता दिलाई।

कार्यक्रम प्रमुख श्री नागेंद्र बहादुर सिंह चौहान ने LCWW को एक ऐसा परिवार बताया जो अपनी सांस्कृतिक और सामाजिक जड़ों से गहराई से जुड़ा हुआ है। सदस्यों के सामूहिक जन्मदिन,  उनकी मैरिज एनिवर्सरीज,  और उनकी उपलब्धियों को उत्सव के रूप  में मनाने के साथ साथ खेलकूद, रस्साकशी, नृत्य, और गोमती नदी में नौका विहार जैसे आयोजनों ने सदस्यों को आनंद से भर दिया।

इस आयोजन की सफल क्रियान्वयन में प्रमुख भूमिका रश्मि मिश्रा की रही, जो इसके हर पहलू की देखरेख में जुटी रहीं। उनके साथ, राहुल पांडे ने एक करीबी सहयोगी के रूप में इस आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

दूरदर्शन के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी श्री विवेक शुक्ला और "एहसासों का सफर" की होस्ट डॉ. संजना मिश्रा को विशेष सम्मान प्रदान किया गया। साथ ही, कैलाश कुमार श्रीवास्तव, शमा सिद्दीकी, मधु श्रीवास्तव, अन्विता मनीष, मनीष भारतीया, नीरजा शुक्ला, ध्रुव खरे, विनोद श्रीवास्तव, और प्रियंका पांडे ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

यह पिकनिक न केवल मनोरंजन का उत्सव रही, बल्कि यह आपसी सौहार्द, सांस्कृतिक प्रेम, और सकारात्मक दृष्टिकोण का प्रतीक भी बनी।

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