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शनिवार, 9 नवंबर 2024

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने रबी फसल के लिए उर्वरकों की उपलब्धता की समीक्षा की

अधिकारियों को उर्वरक वितरण व्यवस्था की निगरानी करने और कालाबाजारी रोकने के निर्देश दिए गए।

सहकारी क्षेत्र में भी उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

किसानों से आग्रह किया गया कि फॉस्फेटिक उर्वरकों का अग्रिम भंडारण न करें




प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रदेश में रबी फसल के लिए आवश्यक उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण व्यवस्था की समीक्षा सरकारी आवास, 8 कालिदास मार्ग पर की।
उन्होंने सभी जिलों में डीएपी (एन-18, पी-46) जैसे फॉस्फेटिक उर्वरकों की आपूर्ति प्राथमिकता से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि रबी फसल की बुवाई में किसी प्रकार की बाधा न हो।


मंत्री ने कहा कि मैनपुरी, हाथरस, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, मुजफ्फरनगर और आगरा जिलों के लिए उर्वरक रैक शीघ्र पहुँचने वाले हैं और इन जिलों में गत वर्ष की खपत के आधार पर उर्वरक की प्राथमिकता तय कर आवश्यकतानुसार सीधे निकटतम जिलों में आपूर्ति के निर्देश दिए गए हैं। मंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि उर्वरक वितरण व्यवस्था को फील्ड में जाकर स्वयं निगरानी करें। साथ ही कालाबाजारी, ओवर रेटिंग और किसानों द्वारा आवश्यकता से अधिक मात्रा में उर्वरक खरीदने जैसी गतिविधियों पर सख्त रोक सुनिश्चित की जाए ताकि सभी किसानों को समय पर उचित मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हो सके।

मंत्री ने सहकारी क्षेत्र में भी तुरंत आवश्यकतानुसार उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और उन क्षेत्रों में प्राथमिकता पर आपूर्ति करने के निर्देश दिए जहाँ फसलों की बुवाई चल रही है। कृषि निदेशक को उर्वरक निर्माताओं और प्रदायकों के साथ बैठक करते हुए अधिक से अधिक उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि फॉस्फेटिक उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता हो रही है, इसलिए बिना आवश्यकता के अग्रिम भंडारण न करें। गेहूं की बुवाई के लिए भी उर्वरक समय पर उपलब्ध रहेगा।


बैठक में दिए गए आँकड़ों के अनुसार, सहारनपुर मंडल में डीएपी 5190 मीट्रिक टन और एनपीके 5289 मीट्रिक टन उपलब्ध हैं। मेरठ मंडल में डीएपी 7509 मीट्रिक टन और एनपीके 8116 मीट्रिक टन है। इसी प्रकार, आगरा मंडल में डीएपी 6822 मीट्रिक टन और एनपीके 12311 मीट्रिक टन उपलब्ध है। अलीगढ़ मंडल में डीएपी 9089 मीट्रिक टन और एनपीके 10505 मीट्रिक टन है। बरेली मंडल में डीएपी 13660 मीट्रिक टन और एनपीके 23435 मीट्रिक टन है, जबकि मुरादाबाद मंडल में डीएपी 8446 मीट्रिक टन और एनपीके 23837 मीट्रिक टन उपलब्ध है। कानपुर मंडल में डीएपी 12260 मीट्रिक टन और एनपीके 26606 मीट्रिक टन है। प्रयागराज मंडल में डीएपी 9687 मीट्रिक टन और एनपीके 21603 मीट्रिक टन उपलब्ध है। इसी प्रकार झांसी मंडल में डीएपी 10353 मीट्रिक टन और एनपीके 5159 मीट्रिक टन है। चित्रकूटधाम मंडल में डीएपी 4987 मीट्रिक टन और एनपीके 4062 मीट्रिक टन है। वाराणसी मंडल में डीएपी 18902 मीट्रिक टन और एनपीके 12535 मीट्रिक टन है, और मिर्जापुर मंडल में डीएपी 10101 मीट्रिक टन और एनपीके 5598 मीट्रिक टन है। आजमगढ़ मंडल में डीएपी 17514 मीट्रिक टन और एनपीके 11667 मीट्रिक टन उपलब्ध है। गोरखपुर मंडल में डीएपी 18164 मीट्रिक टन और एनपीके 14295 मीट्रिक टन है। बस्ती मंडल में डीएपी 9473 मीट्रिक टन और एनपीके 4909 मीट्रिक टन है। देवीपाटन मंडल में डीएपी 12344 मीट्रिक टन और एनपीके 10339 मीट्रिक टन उपलब्ध है। लखनऊ मंडल में डीएपी 19226 मीट्रिक टन और एनपीके 32419 मीट्रिक टन उपलब्ध है। अयोध्या मंडल में डीएपी 13841 मीट्रिक टन और एनपीके 19603 मीट्रिक टन है।

बैठक में कृषि निदेशक जितेंद्र तोमर, संयुक्त निदेशक उर्वरक आशुतोष, अपर निबंधक सहकारिता धीरेंद्र कुमार सिंह और पीसीएफ के वरिष्ठ अधिकारी विनोद कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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