चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को पैरोल मिल गई है. एक बार फिर से 20 दिन की पैरोल राम रहीम को मिली है। चुनाव आयोग से मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को हरियाणा सरकार की तरफ से पैरोल दे दी गई है। राम रहीम बुधवार सुबह जेल से बाहर आ गया। हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। ऐसे में इस पैरोल को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि इस दौरान राम रहीम किसी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं हो सकेगा। हरियाणा सरकार ने पैरोल देने की वजह “आपातकालीन” बताई है कांग्रेस का कहना है कि राम रहीम को पैरोल इस समय नहीं दी जानी चाहिए थी। प्रदेश में जहां चुनाव होने हैं, वहां उसके समर्थकों की संख्या अधिक है और वह चुनाव को प्रभावित कर सकता है। हरियाणा कांग्रेस ने राम रहीम को लेकर आयोग को पत्र लिखा था कि उसका पिछला रिकॉर्ड देखें और उसके आधार पर चुनाव के दौरान पैरोल नहीं दी जाए। डेरा सिरसा प्रमुख राम रहीम की पैरोल को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सरकार को बीते कल मंजूरी दी थी और कहा था कि जो ग्राउंड पैरोल के लिए दिए गए हैं; अगर वो सही हैं तो सरकार राम रहीम को पैरोल देने पर विचार कर सकती है।
दरअसल पत्रकार की हत्या और साध्वियों के साथ रेप के दोषी राम रहीम ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले 20 दिन की पैरोल मांगी थी। उसका आवेदन आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण निर्वाचन कार्यालय को भेज दिया गया था। इसके बाद यह पूछा गया था कि पैरोल पर रिहा करने को उचित ठहराने वाले आकस्मिक और आवश्यक कारण क्या हैं? इस साल अगस्त में राम रहीम को 21 दिन की पैरोल दी गई थी। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या केस में दोषी ठहराते हुए सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 2019 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। वहीं राम रहीम साध्वियों के बलात्कार में दोषी पाया गया था और उसे 10 साल की सजा सुनाई गई थी।सबसे पहले जान लेते हैं कि आखिर पैरोल होती क्या है। तो बता दें पैरोल एक ऐसी कानूनी प्रक्रिया है जिसमें एक कैदी को कुछ शर्तों के साथ जेल से अस्थायी रूप से रिहा कर दिया जाता है। यह मान्यता पर आधारित होता है कि कैदी ने सुधार किया है और समाज में वापस आने के लिए तैयार है।
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