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रविवार, 27 अक्टूबर 2024

लारेंस बिश्नोई मासूम बच्चा और असली गांधीवादी प्रकृति पेमी भाईचारा निभाने वाला है : साध्वी प्राची

साध्वी प्राची जिन्होंने कुख्यात गैंगेस्टर लारेंस बिश्नोई को बताया मासूम बच्चा और असली गांधीवादी प्रकृति पेमी भाईचारा निभाने वाला

कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई जो कि साबरमती जेल में बंद है। और इस वक्त 5 राज्यों में लॉरेंस बिश्नोई पर 79 केस दर्ज हैं और 40 मुकदमे अदालत में लंबित हैं। वह लारेंस बिश्नोई साध्वी प्राची को गांधीवादी और मासूम बच्चा नज़र आता है. जबकि लॉरेंस बिश्नोई पिछले 1 साल और 2 महीने से जेल से बाहर नहीं आया है, और अगले 12 महीनों तक भारत के किसी भी राज्य की पुलिस उसे पूछताछ के लिए जेल से बाहर नहीं ला सकती।भारत के गृह मंत्रालय ने कानूनी प्रावधान के तहत लॉरेंस बिश्नोई को सुरक्षा कवच दिया है, जिसकी वजह से वो अगस्त 2025 से पहले गुजरात की साबरमती जेल से बाहर नहीं निकल सकता।  उस लारेंस बिश्नोई पर साध्वी प्राची ने एक बयान दिया है। मुजफ्फरनगर में एक कार्यक्रम के दौरान साध्वी प्राची ने मीडिया से बातचीत करते हुवे कहा कि जितना उन्होंने देखा और सुना है, उसके मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई एक मासूम बच्चे जैसा नजर आता है। उन्होंने ये भी बताया कि लॉरेंस बिश्नोई असली गांधीवादी है और भाईचारे का सही पालन कर रहा है।साध्वी प्राची ने मीडिया से कहा कि वो किसी अपराधी का समर्थन नहीं करतीं हैं। लेकिन बिश्नोई समाज प्रकृति और जीवों की पूजा करता है, और गांधी जी भी जीवों के पक्षधर थे। इसलिए लॉरेंस भी असली गांधीवादी है। साध्वी प्राची ने सलमान खान को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई जो सलमान खान के खिलाफ बोल रहा है उसकी वजह भी यही है क्योंकि लॉरेंस प्रकृति और जीवों से प्रेम करता है। साध्वी प्राची ने सलमान खान को लेकर भी विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि सलमान खान ने कितनी ही लड़कियों का जीवन बर्बाद किया है और आज उसे खतरा महसूस हो रहा है।आपको बताते हैं कि साध्वी प्राची ने योग और वेद विषयों में डबल एमए की डिग्री हासिल की है। साध्वी ऋतम्भरा की गुरु बहन प्राची ने वेदों पर रिसर्च की और डॉक्टरेट की उपाधि भी हासिल की है। उनकी पूरी शिक्षा गुरुकुल कांगड़ी, हरिद्वार और मुज़फ्फरनगर में हुई।साध्वी प्राची हरियाणा के करनाल में महिला गुरुकुल कॉलेज की प्रिंसिपल भी रह चुकी हैं। साध्वी प्राची बचपन से ही संघ से जुड़ी रहीं और 1995 में भगवा वस्त्र पहनकर साध्वी बन गईं।

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