पितृपक्ष का समय हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि हर साल इस अवधि के दौरान, हमारे पूर्वज भोजन और पानी स्वीकार करने के लिए पृथ्वी पर आते हैं. साथ ही सभी कष्टों को दूर करते हैं. श्राद्ध कर्म को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत आवश्यक होता है. हालांकि कई बार ये नियम मन में तरह-तरह की शंका उत्पन्न कर देते हैं. दरअसल बहुत सारे लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि आखिर जिन लोगों को कोई पुत्र नहीं है, तो उनका श्राद्ध कौन कर सकता है?हिन्दू धर्म के मरणोपरांत संस्कारों को पूरा करने के लिए पुत्र का प्रमुख स्थान माना गया है. शास्त्रों में लिखा है कि नरक से मुक्ति पुत्र द्वारा ही मिलती है. इसलिए पुत्र को ही श्राद्ध यानि पिंडदान का अधिकारी माना गया है. पितृपक्ष में पितर को नरक से रक्षा करने वाले पुत्र की कामना हर मनुष्य करता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैसे तो घर का सबसे बड़ा पुत्र श्राद्ध करता है. लेकिन जिनके पुत्र न हो या उनका वंश समाप्त हो गया हो, तो पुत्री का पति और पुत्र भी श्राद्ध के अधिकारी होते हैं. इसके अलावा उस व्यक्ति के पुत्र, पौत्र व प्रपौत्र न हो, तो उसकी पत्नी भी उसका श्राद्ध कर सकती है.इस संबंध में प्रयागराज के पंडित राधे श्याम त्रिपाठी सकुंतला कुंज वाले ने दैनिक जनजागरण से बताया कि पिता का श्राद्ध पुत्र को ही करना चाहिए. पुत्र के न होने पर पत्नी श्राद्ध कर सकती है. पत्नी न होने पर सगा भाई और उसके भी अभाव में संपिंडों को श्राद्ध करना चाहिए. एक से अधिक पुत्र होने पर सबसे बड़ा पुत्र श्राद्ध करता है. पुत्री का पति यानि दामाद को भी श्राद्ध करने का अधिकार मिला है. दामाद एक स्थिति में पिंडदान कर सकते हैं कि उनके भी माता-पिता जीवित न हो. पुत्र के न होने पर पौत्र या प्रपौत्र भी श्राद्ध कर सकते हैं. पुत्र, पौत्र या प्रपौत्र के न होने पर विधवा स्त्री श्राद्ध कर सकती है. पत्नी श्राद्ध तभी कर सकती है, जब कोई पुत्र न हो. पुत्र, पौत्र या पुत्री का पुत्र न होने पर भतीजा भी श्राद्ध कर सकता है. गोद में लिया पुत्र भी श्राद्ध का अधिकारी है. कोई न होने पर राजा या ब्राह्मण को दतक मानकर श्राद्ध करने का विधान है.
बुधवार, 4 सितंबर 2024
Home
/
धार्मिक
/
"अगर पुत्र नहीं, तो कौन कर सकता है पिंडदान, सिर्फ इस स्थिति में मिलता है अधिकार, क्या कहते हैं पुराण"
"अगर पुत्र नहीं, तो कौन कर सकता है पिंडदान, सिर्फ इस स्थिति में मिलता है अधिकार, क्या कहते हैं पुराण"
About दैनिक जनजागरण न्यूज
दैनिक जनजागरण यह एक ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल है, दैनिक जनजागरण पोर्टल के माध्यम से आप सभी प्रकार की खबरें अपने फ़ोन स्क्रीन पर आसानी से पढ़ सकते हैं, लाइव ब्रेकिंग न्यूज़, नेशनल, इन्टरनेशनल न्यूज़, स्पोर्ट्स , क्राइम, पॉलिटिक्स इत्यादि खबरें रोजाना प्राप्त करें..जुडे रहें दैनिक जनजागरण के साथ अपडेटेड रहे सभी प्रकार के ख़बरों से।
धार्मिक
Tags:
धार्मिक
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Post Comments