प्रयागराज केन्द्रीय मंत्री ने शिल्प ग्राम के विकास कार्यों का किया लोकार्पमूं मूज शिल्प को पर्यटन से जोड़ने की दिशा में यह एक अच्छा कदम केन्द्रीय मंत्री
मंत्रीगणों ने कारीगरों के द्वारा मूंज उत्पादों से सम्बंधित लगायी गयी प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए उनकी कारीगरी को सराहाकेन्द्रीय वस्त्र मंत्री, भारत सरकार श्री गिरिराज सिंह ने श्री राकेश सचान सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा तथा वस्त्रोद्योग, उप्र एवं राज्यमंत्री ग्राम्य विकास विभाग एवं समग्र ग्राम विभाग, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, उप्र श्रीमती विजय लक्ष्मी गौतम के साथ विकास आयुक्त ( हस्तशिल्प) कार्यालय, भारत सरकार के तत्वाधान में उद्यमिता विकास संस्थान, उत्तर प्रदेश द्वारा बनाये गये शिल्प ग्राम (क्राफ्ट टूरिज्म विलेज- मूंज शिल्प) महेवा नैनी के विकास कार्यों का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने वहां पर लगायी गयी प्रदर्शनी में विभिन्न स्टाॅलोें का अवलोकन करते हुए कारीगरों से उसके विषय में जानकारी प्राप्त की और उनके द्वारा बनाये गये उत्पादों की सराहना करते हुए कारीगरों का मनोबल बढ़ाया।मंत्री जी ने कहा कि मूंज शिल्प को पर्यटन से जोड़ने की दिशा में यह एक अच्छा कदम है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के अंदर कोई न कोई कला तथा कारीगरी छुपी होती है, अच्छा माहौल एवं अवसर प्राप्त होने पर वह अपनी कला का बेहतर प्रदर्शन करता है। उन्होंने कहा कि कला/कारीगरी को बढ़ावा देने के लिए मा0 प्रधानमंत्री जी एवं वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार लगातार प्रयासरत है। मंत्री जी ने कहा कि ऐसी प्रदर्शनी के आयोजन से मंूज कारीगरों की कला को आगे बढ़ाने तथा उनको आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होंगे। विभिन्न जिलों के, विभिन्न तरह के मूंज उत्पाद लगाकर निश्चित ही सरकार इस योजना के माध्यम से हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहित करने और उनको विकास के पथ पर अग्रसित करने के लिए यह प्रदर्शनी कारगर साबित होगी। प्रदर्शनी में विभिन्न जनपदों से आये हुए बुनकरों द्वारा प्रदर्शनी में लगभग 40 स्टाॅल लगाये गये थे। मंत्रीगणों के द्वारा प्रदर्शनी में आये हुए स्कूली बच्चों के साथ ग्रुप फोटो भी करायी गयी। टूरिज्म विलेज महेवा, प्रयागराज में यमुनानदी के तट पर स्थित, टोकरी बनाने की जादुई कला, शिल्प का निवास स्थान है। मूंज सरपत (जंगली घास) का नरम बाहरी छिल्का है, जिसे वर्ष में एक बार अक्टूबर-नवम्बर के महीने में काटा जाता है और बल्ला के रूप में संग्रहीत कर उत्पाद तैयार किए जाते है। इस अवसर पर मण्डलायुक्त श्री विजय विश्वास पंत व सम्बंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Post Comments