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रविवार, 8 सितंबर 2024

गोला-मोहम्मदी-शाहजहांपुर-फर्रुखाबाद रेल मार्ग निर्माण की उठी मांग, छोटी काशी विकास संघर्ष समिति ने मैलानी रेलमार्ग को बताया अनुपयुक्त

● छोटी काशी विकास संघर्ष समिति ने  मैलानी शाहजहांपुर को बताया अनुपयुक्त

गोला गोकर्णनाथ खीरी। छोटी काशी विकास संघर्ष समिति ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को ज्ञापन भेज कर स्वर्गीय पंडित अटल बिहारी वाजपेई के प्रधानमंत्री काल में गोला मोहम्मदी शाहजहांपुर के रास्ते फर्रुखाबाद तक सर्वेक्षण हुए  रेल मार्ग को निर्माण कराने की मांग की है और फर्रुखाबाद से वाया शाहजहांपुर मैलानी के लिए निर्माण को अनुपयुक्त बताया है।
    भेजे गए ज्ञापन में लिखा गया है कि एक शतक पूर्व मैलानी से शाहजहांपुर तक नैरो गेज रेल मार्ग था जिसे घाटा होने के कारण रेल मंत्रालय ने उखाड़ लिया था।मैलानी से पीलीभीत जंक्शन 68 किलोमीटर दूरी पर है पीलीभीत शाहजहांपुर जाने के लिए ब्रॉड गेज रेल मार्ग है इसलिए पीलीभीत पूरनपुर रेलवे स्टेशन से शाहजहांपुर जाने के लिए अधिक दूरी होने के कारण मैलानी जाकर कोई यात्रा नहीं करेगा।तर्क दिया गया है कि मैलानी से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर जिला मुख्यालय लखीमपुर खीरी रेलवे स्टेशन है। लखीमपुर और आसपास के यात्री रेल मार्ग न होने के कारण शाहजहांपुर और फर्रुखाबाद जाने के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों से गोला गोकर्णनाथ होकर यात्रा करते हैं लखीमपुर से गोला गोकर्णनाथ 35 किलोमीटर की दूरी पर है और गोला गोकर्णनाथ से शाहजहांपुर 60 किलोमीटर है सड़क मार्ग से यात्रा करने पर लखीमपुर से शाहजहांपुर की दूरी लगभग 95 किलोमीटर है यदि लखीमपुर से वाया मैलानी शाहजहांपुर रेल मार्ग से जाना पड़े तो यात्री को लगभग 132 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ेगी तो अपना समय और पैसे अधिक गंवा कर मैलानी होकर रेल यात्रा क्यों करेगा।
    ज्ञापन में कहा गया है कि मैलानी वाया पलिया कला मीटर गेज है जिसे शारदा नदी के कारण मीटर गेज में ही रखने का निर्णय रेल विभाग द्वारा लिया जा चुका है इसलिए मीटर गेज पर मैलानी के आगे रेल नहीं जा पाएगी उधर से बहुत ही कम यात्री आ सकेंगे और रेलवे को घाटा सहन करना पड़ेगा दूसरे भीरा पलिया कलां रेल मार्ग शारदा नदी के कारण सदैव बाढ़ ग्रस्त रहता है वर्षा काल में या तो रेल मार्ग पर पानी भर जाता है या रेल मार्ग और सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हो जाता है इस कारण इस मार्ग पर रेल और कोई वाहन नहीं चल पाते हैं।इस समय भी रेल मार्ग और सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण बंद है तो रेल विभाग को मैलानी से यात्री कहां से मिलेंगे।
    ज्ञापन में कहा गया है कि मैलानी से लगभग 30 किलोमीटर दूरी पर गोला गोकर्णनाथ प्राचीन धार्मिक नगर मंदिरों का शहर छोटी काशी के नाम से विख्यात है इसका वर्णन शिव पुराण, वराह पुराण, वामन पुराण, कूर्म पुराण, महाभारत आदि में है करोड़ों श्रद्धालु प्रतिवर्ष यहां आते हैं फर्रुखाबाद गंगा घाट से हजारों श्रद्धा ल पैदल कांवड़ लेकर गोला गोकर्णनाथ छोटी काशी में शिव जी का अभिषेक करते हैं, उन्हें वापसी में बस या निजी वाहनों से यात्रा करनी पड़ती है गोला से शाहजहांपुर की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है यदि यात्री मैलानी होकर रेल से शाहजहांपुर जाएं तो उन्हें अधिक धन खर्च कर लंबी यात्रा करनू पड़ेगी इसलिए वह बस से ही यात्रा करना पसंद करेंगे इन्हीं परिस्थितियों के कारण पंडित अटल बिहारी वाजपेई के प्रधानमंत्री काल में तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने तत्कालीन सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री सांसद मेनका गांधी की मांग को संशोधित कर गोला गोकर्णनाथ वाया मोहम्मदी शाहजहांपुर फर्रुखाबाद तक रेल मार्ग सर्वेक्षण की घोषणा की थी और मेनका गांधी को भी पत्र लिखा था कि मैलानी और गोला गोकर्णनाथ पहले ही रेल लाइन से जुड़े हुए हैं जब कभी यह लाइन तैयार हो जाएगी तो वांछित संपर्क स्थापित हो जाएगा।
     समिति ने ज्ञापन की प्रतिलिपि  धौरहरा सांसद आनंद भदौरिया और खीरी सांसद उत्कर्ष वर्मा को भेजकर आवश्यक कार्यवाही और सदन में उठाने की मांग की है। ज्ञापन के साथ तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार द्वारा  मेनका गांधी को लिखे गये पत्र और रेल मंत्रालय की पत्रिका की छाया प्रति भी प्रेषित की गई है।

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