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शनिवार, 21 सितंबर 2024

कछार में डूब गईं सब्जियां, दोगुने हुए दाम, पांच करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान

प्रयागराज शहर में आई बाढ़ की वजह से हरी सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं। मूरतगंज से फाफामऊ कछार तक की पूरी बेल्ट जलमग्न होने से किसानों को बड़ा झटका लगा है। एक अनुमान के मुताबिक बीते एक सप्ताह में किसानों को पांच करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो गया है। इस बीच बाजार में सब्जियों के दाम बढ़ जाने से लोगों की जेब पर भी असर पड़ा है।कौशाम्बी जिले के मूरतगंज, कोखराज से होते हुए फाफामऊ कछार तक कद्दू, धनिया, लौकी, नेनुआ, मूली आदि सब्जियां प्रमुख रूप से उगाई जाती हैं। बीते एक सप्ताह से कछार का पूरा इलाका बाढ़ के पानी से डूबा हुआ है। इस वजह से किसानों द्वारा उगाई गईं सब्जियां डूब गई हैं।कामोवेश यही स्थित हंडिया, हनुमानगंज, सिरसा आदि इलाकों के कछारी एवं निचले इलाकों की है। इस वजह से थोक मंडी मुंडेरा में लोकल सब्जियों की आवक कम हो गई है। अब यहां मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिलों से ही हरी सब्जियां मंगाई जा रही हैं। इसका असर यह है कि थोक में हरी सब्जियों के दाम दोगुने या इससे अधिक हो गए हैं।आढ़ती लालचंद ने बताया कि बीते सप्ताह थोक में कद्दू का दाम तीन से चार रुपये किलो था जो अब बढ़कर आठ से दस रुपये हो गया है। धनिया का दाम भी थोक में 300 रुपये किलो हो गया है। पालक 35 से 40 रुपये किलो तो मूली का दाम थोक में 50 रुपये किलो तक पहुंच गया है।वहीं, फुटकर बाजार की बात करें तो मंडियों में धनिया का दाम 400 रुपये किलो और पालक 50 से 60, मूली 70 रुपये किलो तक पहुंच गई है। नेनुआ, लौकी का दाम भी चढ़ा हुआ है।मुंडेरा फल सब्जी व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुशवाहा ने बताया कि बाढ़ की वजह से मंडी में लोकल हरी सब्जियों की आवक कम हो गई है। सब्जियां बाहरी जिलों से ही आ रही हैं। इस वजह से उनका दाम बढ़ा है। कहा कि अब नवरात्र में ही दाम कम होने की उम्मीद है।

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