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शुक्रवार, 20 सितंबर 2024

तिरुपति मदिर के प्रसाद लड्डू में जानवरों की चर्बी मसले पर गहराता जा रहा है विवाद

तिरुपति मदिर के प्रसाद लड्डू में जानवरों की चर्बी मसले पर बोले टीडीपी के महासचिव नारा लोकेश ‘कोई ये सोच भी नहीं सकता कि तिरुमला लड्डू को इस तरह अपवित्र किया जाएगा’

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद में कथित रूप से जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी तेलुगू देशम पार्टी के महासचिव नारा लोकेश ने दावा किया है, ‘पिछली सरकार में प्रसाद के लड्डू के घी में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल हुआ है। प्रसाद के नमूनों के परीक्षण में पाया गया है कि इन लड्डुओं में मछली का तेल और बीफ़ चर्बी का इस्तेमाल हुआ है।”
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रदेश की पूर्ववर्ती जगन मोहन रेड्डी सरकार पर निशाना साधा है। नायडू ने कहा, “कोई ये सोच भी नहीं सकता कि तिरुमला लड्डू को इस तरह अपवित्र किया जाएगा। पिछले पाँच सालों में उन्होंने तिरुमला की पवित्रता को भंग किया है।”
उन्होंने कहा, “इस बात की पुष्टि हो गई है कि तिरुमला लड्डू के घी में जानवर की चर्बी का इस्तेमाल किया गया है। इस मामले में जांच चल रही है। इसके लिए जो भी दोषी होंगे उन्हें सज़ा दी जाएगी।”

● तिरुपति बालाजी के प्रसाद में चर्बी मिलाने वाले मामले पर काशी के संतों में नाराजगी बोले ये धार्मिक अपराध

 
वाराणसी।आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलने के मामले में काशी के संतों में नाराजगी है। संतों का कहना है कि यह धार्मिक अपराध है।इस मामले में निष्पक्ष रूप से जांच के बाद कार्रवाई होनी चाहिए।उनकी मांग है कि आंध्र के मुख्यमंत्री सहित सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्री मंदिरों में गैर हिंदूओं के प्रवेश पर रोक लगाएं। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी ने इस मामले पर गहरा दुख व्यक्त किया।राम नारायण ने कहा कि तिरुपति मंदिर में लड्डुओं का प्रसाद बनाने की सामग्री में गो-वंश की चर्बी और मांस मिलाने की सूचना आधिकारिक रूप से आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू द्वारा दिए जाने पर हिंदू समाज के श्रद्धालुओं को ठेस पहुंची है। प्रोफेसर राम नारायण ने कहा कि नायडू ने बताया था कि यह तथ्य पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में हुआ था,जिसका खुलासा सरकार की प्रयोगशाला रिपोर्ट में हुआ।राम नारायण ने कहा कि हम इसकी कटु निंदा करते हैं।हमारी केंद्र सरकार व आंध्र प्रदेश सरकार से मांग है कि इस तथ्य की गंभीरता से और जांच होनी चाहिए।विद्वत परिषद शीघ्र ही बैठक कर इस बारे में उचित निर्णय लेगी,क्योंकि इस तथ्य से तिरुपति जाने वाले लगभग 30 करोड़ हिंदू भक्तों की आस्था जुड़ी हुई है।प्रसाद में चर्बी मिलाने के मामले में वाराणसी अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि ये धार्मिक अपराध है।आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने प्रसाद में चर्बी मिलाए जाने का जो मुद्दा उठाया है यह बहुत ही गंभीर है। धार्मिक दृष्टि से यह अक्षम्य अपराध है।

● तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाने के दावे पर बोले आन्ध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ‘जगन रेड्डी सरकार द्वारा गठित टीटीडी बोर्ड को कई सवालो के जवाब देने है’

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाने के दावे पर आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा है, ‘तिरुपति बालाजी प्रसाद में एनिमल फ़ैट (मछली का तेल, पोर्क और बीफ़ फ़ैट) के मिलावट होने की पुष्टि से हम सभी परेशान हैं। तत्कालीन जगन मोहन रेड्डी सरकार की ओर से गठित टीटीडी बोर्ड को कई सवालों के जवाब देने होंगे।’
उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार कड़ी कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन, यह मंदिर की पवित्रता भंग करने, इसकी भूमि से जुड़े विवादों और अन्य धार्मिक कर्मकांडों से जुड़े कई मुद्दों पर भी रोशनी डालती है। पूरे भारत में मंदिरों से जुड़े मसलों को देखने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक सनातन धर्म रक्षण बोर्ड बनाने का समय आ गया है।’
पवन कल्याण आंध्र की गठबंधन सरकार में शामिल जन सेना पार्टी (जेएसपी) के नेता हैं। आंध्र प्रदेश की सरकार ने तिरुमला लड्डुओं के लैब परीक्षण की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया, जिसके बाद मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछली जगन मोहन सरकार पर निशाना साधा। नायडू ने कहा, ‘इस मामले में जांच चल रही है और दोषियों को सज़ा दी जाएगी।’

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