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मंगलवार, 3 सितंबर 2024

सवा छह साल बाद मैलानी-पीलीभीत के बीच फिर दौड़ी छुक-छुक रेलगाड़ी, 103 यात्रियों ने किया ट्रेन में सफर

पीलीभीत से मैलानी होते हुए लखीमपुर खीरी और राजधानी लखनऊ तक के ट्रेन के सस्ते और आसान सफर की सुविधा सवा छह साल के लंबे इंतजार के बाद यात्रियों को फिर मिलने लगी है। सोमवार पहले दिन मैलानी से पीलीभीत तक 103 यात्रियों ने ट्रेन में सफर किया।ज्ञात रहे कि आरवीएनएल द्वारा आमान परिवर्तन के लिए 30 मई 2018 को इस खंड पर मेगा ब्लॉक लिया गया था। आमान परिवर्तन और विद्युतीकरण होने के बाद एक सितंबर को रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मैलानी से पीलीभीत के बीच यात्री ट्रेनों के पुन: संचालन का उद्घाटन किया था दो सितंबर सोमवार से मैलानी से पीलीभीत के बीच तीन जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है। साथ ही डालीगंज (लखनऊ) से शाहगढ़ तक चलने वाली एक अन्य पैसेंजर ट्रेन का विस्तार भी पीलीभीत तक कर दिया है। अब पीलीभीत से लखनऊ तक 262.76 किमी का मार्ग सीधे रेलवे ट्रैक से जुड़ गया है।रेल प्रशासन ने मैलानी से पीलीभीत के बीच ट्रेनों का बहुप्रतीक्षित सफर शुरू तो कर दिया है लेकिन ट्रेनों की रफ्तार काफी धीमी ही रखी है। इसे ऐसे समझिए कि लखीमपुर से मैलानी का 60 किमी का सफर पहले दिन ट्रेन ने सिर्फ सवा घंटे में पूरा कर लिया लेकिन मैलानी से पीलीभीत की सत्तर किमी दूरी तय करने में ट्रेन को पूरे पौने तीन घंटे लगे। शायद मैलानीपीलीभीत सेक्शन में ट्रेनों की धीमी चाल की सबसे बड़ी वजह इस इलाके का वन्य जीव बहुल होना ही है। बहरहाल, महज दस किमी ज्यादा दूरी को ट्रेन द्वारा डेढ़ घंटे में तय करना यात्रियों के गले नहीं उतर रहा है।
मैलानी-पीलीभीत खंड का आमान परिवर्तन होने के बाद रेल संचालन शुरू होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश और लखनऊ से सीतापुर, लखीमपुर, पीलीभीत होते हुए दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य नगरों के लिए एक अतिरिक्त रेलमार्ग भी उपलब्ध हो गया है।ट्रेनें बंद होने पर मैलानी से रोडवेज बस से पीलीभीत तक पहुंचने में 120 रुपये किराया खर्च होता था। अब ट्रेन से मैलानी से पीलीभीत का किराया महज बीस रुपये है। इसके अलावा मैलानी से शाहगढ़ तक किसी भी स्टेशन का किराया मात्र दस रुपये और उसके आगे पीलीभीत तक सभी हाल्ट और स्टेशनों का किराया बीस रुपये है।मैलानी से पीलीभीत की 67.92 किमी की दूरी के आमान परिवर्तन के कार्य पर 672 करोड़ की लागत आई है। आमान परिवर्तन के साथ ही इस खंड के विद्युतीकरण का काम भी पूरा किया गया। काम पूरा होने के बाद पहले समर स्पेशल और अब नियमित ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया है।मैलानी से पीलीभीत के बीच पूरे सवा छह साल बाद नियमित ट्रेनें चलने पर यात्रियों ने भी खुशी जताई है।

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