● डॉ प्रदीप वैरागी ने दो दिवसीय राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला में किया प्रतिभाग
● शाहजहांपुर से राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला में प्रतिनिधित्व कर बढ़ाया जनपद का मान
पुवायां,शाहजहांपुर। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा का वर्तमान शिक्षा में समावेश विषय पर हाथरस में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला में प्रतिभाग किया।
विश्वविद्यालय महाविद्यालय और तमाम विद्यालयों से पहुंचे आचार्यों,प्राध्यापकों और अध्यापकों ने शैक्षिक कार्यशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में भारतीय ज्ञान परंपरा के महत्व पर प्रकाश डाला।
प्रदीप वैरागी ने भी वर्तमान शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा के महत्व की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा का लक्ष्य केवल पेट भरना नहीं बल्कि ऐसे संस्कारवान विद्वान बनाना होना चाहिए जिसका आचरण अनुकरणीय हो।
सेठ पीसी बागला स्नातकोत्तर महाविद्यालय हाथरस और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे न्यास के केंद्रीय अधिकारी जगराम भाई ने डॉ प्रदीप वैरागी को उनकी मातृ सेवा के लिए उत्तरी और माल्यार्पण कर अभिनंदन किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय सहसंयोजक जगराम भाई, भारतीय भाषा अभियान के राष्ट्रीय संयोजक और मध्य प्रदेश शासन के महाधिवक्ता डॉ जगदीप राय,क्षेत्रीय संयोजक डॉ अलंकार वशिष्ठ,आगरा कॉलेज आगरा की प्रोफेसर कैप्टन रीता निगम पीसी बागला स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर महावीर सिंह छोंकर कार्यशाला संयोजक और बरेली कॉलेज के सैन्य अधिकारी डॉ मनु प्रताप डॉ विवेक कुमार, डॉ योगेश शर्मा, डॉ दिवाकर सिंह,प्रेम मौर्य, डॉ सीमा यादव, डॉ डीएस चौहान,डॉ चंद्रशेखर राठौर,डॉ उदारता भदौरिया, डॉ डीपी सिंह सहित तमाम शिक्षाविद् उपस्थित रहे।
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